किसान सभा का सम्मेलन आयोजित, गोहद तहसील की नई कमेटी चुनी

– नेताओं ने कहा- किसानों को हक नहीं मिला तो आंदोलन ही एक विकल्प

भिण्ड, 10 नवम्बर। अम्बेडकर पार्क गोहद जुटे किसानों को मप्र किसान सभा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व नपा अध्यक्ष प्रेम नारायण माहौर ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य एवं केन्द्र सरकार कार्पोरेट एवं पूंजीपति हितैषी है, इन किसान विरोधी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। यह बैठक किसान सम्मेलन में तब्दील हो गई।
किसान नेता माहौर ने कहा कि वेमौसम वर्षात से किसानों की फसल बर्बाद हो गई, परंतु प्रदेश सरकार ने किसानों को मुआवजे के नाम पर एक पैसा नहीं दिया। उन्होंने सरकार पर धान, गेहूं की फसल पर रेट घोषित नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि धान ओने पोने दाम पर क्रय की जा रही है। उन्होंने सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया।
सम्मेलन की शुरुआत में किसान नेता राजेन्द्र कुशवाह ने कहा कि किसानों को किसान सभा को एकजुट होकर मजबूत करना चाहिए। सम्मेलन में निवर्तमान महासचिव नारायण शर्मा ने तीन साल की गतिविधियों की रिपोर्ट पेश की, जिस पर कई साथियों ने अपने सुझाव रखे और रिपोर्ट पारित की गई। इस दौरान 17 सदस्यीय नई गोहद तहसील कमेटी चुनी गई, जिसमें जयसिंह माहौर अध्यक्ष, रसीद खां कार्यकारी अध्यक्ष, अहिवरन सिंह मौर्य महासचिव, देवाराम कुशवाह एवं आशाराम माहौर उपाध्यक्ष, कन्हई माहौर एवं नारायण कुशवाह सह सचिव, आकाश माहौर कोषाध्यक्ष एवं शेष कारिकारिणी सदस्य चुने गए।
यह सम्मेलन जयसिंह रमकावाई के अध्यक्ष मण्डल में चला। संचालन किसान नेता बीरेन्द्र कुशवाह ने किया। सम्मेलन में नौजवान सभा से भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, फरमान खां, महिला समिति से शोभा माहौर, माकपा से सुनील माहौर ने शुभकामनाएं देकर अपनी बात रखी। समापन भाषण देते हुए मप्रा किसान सभा भिण्ड के जिला महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है, प्राकृतिक आपदा से तबाह किसानों की सुध प्रदेश सरकार भी नहीं ले रही है, खाद बीज महंगा खरीदा और मण्डी में किसानों को बाजिब रेट भी नहीं मिल रही है। आवारा पशु, महंगी बिजली से किसानों में आक्रोश व्याप्त है, आक्रोश को देखते हुए उन्होंने 12 नवंबर को गोहद तहसील पर मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा सम्मेलन में की। अंत में राजेश शर्मा ने आगामी सात दिसंबर को भिण्ड जिला सम्मेलन की तैयारी में जुट जाने की बात कही।