गुरू हमें में आहार, बिहार और विचार शुद्ध रखना सिखाते हैं : स्वामी अवधेशानंद गिरि

-दंदरौआ धाम में महंत बाबा की पुण्य स्मृति में चल रहा है 29वां वार्षिक महोत्सव

भिण्ड, 10 नवम्बर। जिले के दंदरौआ धाम में गुरु महाराज 1008 पुरुषोत्तमदास महाराज महंत बाबा की पुण्य स्मृति में 29वां वार्षिक महोत्सव में महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में वाल्मीकि वाल्मीकि कृत श्रीराम कथा का आयोजन चल रहा है।
दूसरे दिन कथा व्यास महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि संसार में कोई भी गौ, गीता, गंगा, गायत्री और गुरु इनमें से किसी भी एक भी साधन को मनुष्य अपनाता है तो वह मनुष्य भय मुक्त हो जाएगा। गुरु को अपने मन की बात बताओ, गुरु के बताए हुए मार्गदर्शन पर चलिए। गुरु को पकड़ कर रखिए उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए। गुरु जो मंत्र दें उसका हमेशा जप करना चाहिए, गुरु के द्वारा दिया गया मंत्र ही सर्वोपरि है। इन सभी साधन को मनुष्य अपने जीवन में अगर अपनाता है तो उसका जीवन सार्थक है, क्योंकि मनुष्य को भय रहता है कहीं हमारा मान सम्मान न चला जाए, अज्ञानता के कारण वह हमेशा भय में बना रहता है। गुरु हमें में आहार, बिहार और विचार शुद्ध रखना सिखाते हैं, गुरु जो भी आज्ञा दें उसका हमेशा पालन करना चाहिए। कठिन कलिकाल में गुरु ही एक मात्र उपाय हैं।
उन्होंने कहा कि अध्यात्म स्वभाव की यात्रा है, जहां अजेयता, अमरत्व और आनंद का अखण्ड प्रवाह है। जब जीवन में अध्यात्म का उदय होता है, तब नैतिकता, संयम, विनम्रता और सत्य की ज्योति से जीवन आलोकित हो उठता है। अध्यात्म का अर्थ जगत की नश्वरता से विमुख होकर सत्य की ओर गमन है। जैसे स्वप्न का धन किसी को समृद्ध नहीं कर सकता, वैसे ही ज्ञान-जागरण के पश्चात ज्ञात होता है कि जगत मिथ्या है और केवल सत्य ही नित्य एवं चिरंतन है।

कथा वाचक ने कहा कि सत्य से विद्या, विद्या से विभूति और धर्म से जय की प्राप्ति होती है। विद्या विनय का प्रसार करती है और धर्म-सत्य के प्रकाश को प्रकट करती है। भौतिक वस्तुएं प्रदर्शन की आकांक्षी होती हैं, परन्तु अध्यात्म आचरण और स्वभाव में उतरता है। प्रभाव क्षणिक है, किन्तु स्वभाव शाश्वत है। व्यक्ति का यश धन या प्रभाव से नहीं, अपितु उसके आदर्श चरित्र से प्रतिष्ठित होता है। यही अध्यात्म का सार है। इस अवसर पर महंत रामभूषणदास महाराज खनेता, जिला सहकारिता केन्द्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष केपी सिंह भदौरिया, दिलीप भदौरिया, रामबरन पुजारी, बृजेश उपाध्याय, जलज त्रिपाठी, सोनू शर्मा, नरसी दद्दा सहित हजारों की सांख्य में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
समाजसेवी चुरारिया ने दिया भण्डारा
दंदरौआ धाम में लाखों की संख्या में कथा श्रवण करने एवं भंडारा में प्रसादी ग्रहण करने की अपील की गई है। सियपिय मिलन समारोह में श्रद्धालुओं के साथ भण्डारा प्रसादी के लिए क्षेत्रीय भक्तगण प्रति दिन भण्डारा बनाए जाने के लिए आगे आकर व्यवस्था संभालते हुऐ सियपिय मिलन समारोह को भव्य बनाने में जुटे हैं। सोमवार का भंडारा नाथूराम शर्मा चुरारिया प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण महासभा, बृजमोहन शर्मा निवासी तेजपुरा के द्वारा संपन्न कराया गया। दंदरौआ धाम पर श्रीराम कथा का श्रवण करते हुऐ भण्डारे में प्रसादी ग्रहण कर श्रीराम कथा का रसपान करने की अपील की गई है।