– दंदरौआधाम में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा
भिण्ड, 27 अक्टूबर। दंदरौआधाम में परिसर में 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा चल रही है। सोमवार को कथा व्यास दिनेश शास्त्री ने कहा कि मनुष्य का मरते वक्त जिस चीज का ध्यान करता है, वह उसी को प्राप्त करता है। मनुष्य का मन जिस चीज में लग जाता है, भगवान वही चीज मनुष्य को देता है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन बिना सत्संग के नहीं चल सकता हैं। सत्संग से हमें धर्म पर चलने की प्रेरणा मिलती है। पिता की आज्ञा का पालन करने से मनुष्य को धर्म की प्राप्ति होती है। मानव को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा सत्य को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप सत्य अपनाते हैं तो मन्दिर जाना, भजन करना, पूजा करना उचित है, क्योंकि मनुष्य सदैव सत्य का पालन तो नहीं कर सकता लेकिन सत्य को अपना तो सकता है। सत्य ही परमात्मा का रूप है, सत्य के समान कोई धर्म नहीं है। अगर मनुष्य असत्य को अपनाता है तो उसका मंदिर जाना, भजन करना और पूजा करना व्यर्थ हो जाता है क्योंकि असत्य के समान कोई पाप नहीं है।
कथा के दौरान मंहत कालीदास महाराज ने कहा कि मनुष्य का मरते वक्त जिस चीज का ध्यान करता है, वह उसी को प्राप्त करता है। मनुष्य का मन जिस चीज में लग जाता है, भगवान वही चीज मनुष्य को देता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन बिना सत्संग के नहीं चल सकता हैं। सत्संग से हमें धर्म पर चलने की प्रेरणा मिलती है। कथा के मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत रामभरत पचौरी, गीता पचौरी हैं। इस मौके पर रामवरन पुजारी, रामलखन भारद्वाज, जलज त्रिपाठी, नरसी दद्दा, कुलदीप पचौरी, प्रदीप पचौरी, हरिओम पचौरी, शिवदीप पचौरी, योगेश पचौरी, सिवांत पचौरी सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।







