– गीता वचनों से हुआ मार्गदर्शन
भिण्ड, 22 सितम्बर। शहर में आयोजित गीता स्वाध्याय कार्यक्रम में अध्यात्म और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। इस अवसर पर बच्चों ने गीताजी के श्लोकों का मधुर स्वर में गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ग्वालियर से आए प्रशांत गुर्जर एवं कुमारी प्रतिज्ञा ने गीता स्वाध्याय पाठ प्रस्तुत कर वातावरण को भावविभोर बना दिया। उनकी मधुर वाणी और शुद्ध उच्चारण ने उपस्थित गीता प्रेमियों के हृदय को स्पर्श किया।
कार्यक्रम में विष्णु शर्मा ने सुभाषित प्रस्तुत कर जीवन के आदर्श मूल्यों की याद दिलाई। वहीं नितिन दीक्षित ने अमृत वचन प्रस्तुत कर श्रोताओं को आत्मचिंतन के लिए प्रेरित किया। शैलेश सक्सेना ने प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से गीता के व्यावहारिक स्वरूप को सामने रखते हुए बताया कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाली मार्गदर्शिका है।
मुख्य वक्ता ज्ञानेन्द्र सिंह भदौरिया ने गीता के अध्याय 5 की गहराई से व्याख्या की। उन्होंने ‘ज्ञान, इन्द्रियों के संयम और कर्म संन्यास योग’ पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गीता के श्लोक मनुष्य को भौतिक मोह-माया से ऊपर उठाकर आत्मिक शांति और ज्ञान प्राप्त करने की राह दिखात हैं। भदौरिया ने उदाहरणों के साथ समझाया कि कर्म और संन्यास का संतुलन ही सच्चे जीवन का सार है।
गीता से मिली प्रेरणा
अंत में कार्यक्रम में उपस्थित गीता प्रेमियों ने बच्चों के गायन और विद्वानों की व्याख्या को आत्मा को झकझोर देने वाला अनुभव बताया। सभी ने एक स्वर में कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का शाश्वत सत्य है जो हर परिस्थिति में मनुष्य को मार्गदर्शन देता है। इस आध्यात्मिक आयोजन में विश्व गीता प्रतिष्ठानम के केन्द्रीय मीडिया प्रमुख धर्मेन्द्र सिंह गुर्जर, पत्रकार भानु श्रीवास्तव, महेन्द्र बाबू तिवारी, दुर्गादत्त शर्मा, राजेन्द्र सिंह भदौरिया, कृष्ण अवतार पाराशर, शैलेश सक्सेना, आनंद त्रिपाठी, शिवराज दीक्षित, बृजेश शर्मा, अंकित राजावत, अरविन्द सिंह भदौरिया, जय शर्मा आदि सहित अनेक गीता प्रेमी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में गीता के संदेश को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।