– स्वरूप विद्या निकेतन विद्यालय में भाविप द्वारा गुरू वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित
– विद्यार्थियों ने गुरुजनों के चरण छूकर किया वंदन, उत्कृष्ट विद्यार्थी किए गए सम्मानित
भिण्ड, 17 सितम्बर। हमारी जीवन शैली में शिष्टाचार का स्थान अति महत्वपूर्ण है, हमारे बैठने उठने का ढंग, हमारा आचार विचार, हमारा बातचीत का लहजा जितना शिष्ट होगा हम उतने ही श्रेष्ठ नागरिक बनने की दिशा में कार्य कर सकेंगे। शिष्टाचार की नियमावली ही संस्कार कहलाती है। यह बात भारत विकास परिषद शाखा जागृति के गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में स्वरूप विद्या निकेतन परिसर में मुख्य अतिथि के रूप में गणेश भारद्वाज ने कही।
भारद्वाज ने कहा कि संपूर्ण देश में जन-जन तक संस्कार पहुंचने का कार्य भारत विकास परिषद से बेहतर अन्य कोई संगठन नहीं कर रहा। बच्चों के मन में अपने कार्य की प्रति निष्ठा एवं देश के प्रति प्रेम यह दोनों भावनाएं विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। नगर समन्वयक धीरज शुक्ला ने अपने उद्गार में कठिन परिश्रम और निरंतर अभ्यास को सफलता का सूत्र बताया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए बताया कि स्वामी जी ने 39 वर्ष की उम्र में वह उत्कृष्ट कार्य किया, जिसे आज की युवा पीढ़ी अनुसरण कर रही है। अपने सहपाठी की कमियों को दूर करने का प्रयास करना ही छात्र धर्म है। बच्चों को अपने अल्प जीवन में राष्ट्र और धर्म सम्मत कार्य करते हुए लंबी लकीर खींचनी चाहिए।
प्रांतीय संयोजक डॉ. उमा शर्मा ने ‘बैठो मत हार के छोड़ो सब गम काम बहुत करना है जिंदगी है कमÓ गीत को गाकर बच्चों को प्रेरणा दी। कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ मां भारती और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर हुआ। वंदे मातरम के सामूहिक गायन से सदन में सकारात्मक ऊर्जा का संचरण हुआ। मंचासीन अतिथियों का स्वागत विद्यालय की छात्राओं द्वारा तिलक से किया गया।
शाखा पदाधिकारी के द्वारा विद्यालय के श्रेष्ठ 20 छात्रों को मेडल और प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। परिषद की परिकल्पना के अनुरूप छात्रों के द्वारा ही उपस्थित 20 गुरुजनों को तिलक वंदन कर पूजन किया गया। बच्चों ने अपने गुरुओं का आदर सहित वंदन किया और चरण वंदन कर उनका आशीर्वाद लिया। परिषद के अधिकारियों के द्वारा शिक्षकों को सम्मान स्वरूप भेंट एवं प्रमाण पत्र भी दिए गए। कार्यक्रम का संचालन शाखा सचिव सोनिया अग्रवाल ने किया एवं आभार शिवनाथ दुबे ने किया। संगठन की ओर से प्रांतीय गतिविधि संयोजक संस्कार श्रवण कुमार पाठक, सुषमा जैन, ऊषा नगरिया, अरुणा पाठक, पवन जैन, महेन्द्र जैन, पुष्पेन्द्र जैन, राजकुमार शर्मा, शिवनाथ दुबे, अवधेश जोशी आदि उपस्थित रहे।