आठ साल पुराने हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

भिण्ड, 18 नवम्बर। प्रथम सत्र न्यायाधीश गोहद जिला भिण्ड श्री पूरन सिंह के न्यायालय ने गुरुवार को हत्या के प्रकरण में आरोपीगण जगदीश पुत्र ग्यासीराम पाराशर निवासी ग्राम सिनोर थाना मौ, रामौतार पुत्र हरनारायण शर्मा, दिनेश पुत्र रामौतार शर्मा निवासीगण ग्राम पाली डिरमन, थाना गोहद को धारा 302, 302/34 भादंवि में दोषी मानते हुए आजीव कारावास एवं दो-दो हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है।
अपर लोक अभियोजक गोहद केसी उपाध्याय के अनुसार अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि ग्राम पाली में स्थित राम-जानकी मन्दिर के बगल से लगभग 26 बीघा सरकारी जमीन है, जिसमें आधी जमीन पर फरियादी शिवदयाल व उसका परिवार एवं आधी जमीन पर रामऔतार व उसके परिवार के लोग खेती कर रहे है तथा समीतार व उसके परिवार के लोगों द्वारा मन्दिर की देख-रेख नहीं की जाकर फरियादी शिवदयाल व उसके परिवार के लोगों द्वारा मन्दिर की देख-रेख व पूजा अर्चना की जाती है। मन्दिर के पूर्व दिशा की ओर गंदगी होने के कारण ग्राम वासियों द्वारा मन्दिर का दरवाजा पूर्व दिशा की ओर करने व मन्दिर का जीर्णोद्धार किए जाने की कहा गया, जिसका रामौतार आदि ने विरोध किया और इसी बात की अभियुक्तगण रंजिश माने हुए थे, जिसके कारण 07 अगस्त 2013 को शाम करीब साढ़े सात बजे जब फरियादी शिवदयाल तथा विजय सिंह मिर्धा और मोहकम सिंह जाट रामजानकी मन्दिर पर बैठे हथे और उसका भाई जगदीश शंकर जी के मन्दिर पर पूजा करने जा रहे थे, तब माता के मन्दिर के पास पहुंचने पर अभियुक्त रामौतार माउजर बंदूक, दिनेश लोहे का सरिया, रामकुमार उर्फ कल्लू माउजर बंदूक एवं जगदीश पाराशर दुनाली बंदूक लेकर आए और अभियुक्त दिनेश उसके भाई जगदीश से गालियां देकर बोला कि बहुत पुजारी बनता है और जान से मारने की नियत से जगदीश के सिर में सरिया मारा, जिससे चोट लगकर खून निकलने लगा व बांए एवं दांए पैर के घुटने के नीचे भी दिनेश ने सरिया मारे, फरियादी विजय सिंह व मोहकम सिंह बचाने को दौड़े तो रामौतार, जगदीश पाराशर ने जान से मारने की नियत से बंदूकों से फायर किए, जिसकी गोली जगदीश शर्मा के दोनों पैरों में लगी और एक गोली फरियादी के बछड़े को लगी तथा रामकुमार ने भी उनके ऊपर गोली चलाई, चिल्लाने पर गांव के लोगों के आ जाने से चारों अभियुक्त भाग गए। फरियादी द्वारा पुलिस थाना गोहद में प्रस्तुत उक्त आशय की लिखित रिपोर्ट के आधार पर अपराध क्र.127/2013 अंतर्गत धारा 307, 294, 429/ 34 भादंसं पंजीबद्ध किया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के विचारण उपरांत न्यायालय ने आरोपीगण को हत्या का दोषी मानते हुए उपरोक्तानुसार दण्डित किया है।