केन्द्रीय जेल में आठ हजार अधिक बहनों ने कैदी भाईयों को बांधी राखी

– रक्षाबंधन पर जेल परिसर में मिली राखी एवं खान-पान की सामग्री

ग्वालियर, 09 अगस्त। रक्षाबंधन के मौके पर शनिवार को केन्द्रीय जेल में बंद कैदी भाइयों को उनकी बहनों ने राखी बांधी है। सैकडों बहनों ने खुली जेल में अपने भाइयों से मिलकर उन्हें मंगल तिलक कर कलाई पर राखी बांधी है। बहने आसपास के शहरों से सुबह ग्वालियर की सेंट्रल जेल पहुंचीं। वैसे तो राखी का शुभ मुहूर्त दोपहर 10:47 बजे के बाद का था, लेकिन सेंट्रल जेल में बिना मुहूर्त ही बहनों ने भाइयों से मिलकर राखी बांधी है। दोपहर 2.30 बजे तक लगभग 8 हजार से ज्यादा बहनें सेंट्रल जेल पहुंची है।
जेल में बंद भाइयों के माथे पर तिलक करते वक्त बहन-भाई दोनों के आंसू छलक आए। जेल में बने लड्डू और राखी किट से बहन रोली चावल से तिलक किया और बहन-भाइयों ने एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया है। जेल प्रशासन ने बाहर से कोई भी मिठाई, राखी या अन्य सामग्री अंदर नहीं लाने दी है। जेल प्रबंधन ने बंदी भाइयों को राखी बांधने आने वाली बहनों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इसके लिए खुली जेल मैदान में टेंट लगाकर रक्षाबंधन की मुलाकात कराई है।
मोबाइल और खान-पान सामग्री पर रोक
जेल अधीक्षक विनीत सरवईया ने बताया कि रक्षा बंधन पर इस बार बहनों को राखी के लिए जेल में आने की जेल मुख्यालय से अनुमति दी गई है। बहनें जेल आकर यहां पर सजा काट रहे अपने भाइयों को मंगल तिलक कर राखी बांध रही हैं। वहीं जेल में अपने भाइयों को राखी बांधने आने वाली महिलाओं को अपने साथ खानपान का सामान लाने के लिए प्रतिबंधित किया है। अनाउंसमेंट के जरिए महिलाओं को बताया जा रहा था कि वह किसी प्रकार की चीज अपने साथ जेल के अंदर न लाए अगर वह कोई भी चीज अंदर लेकर आती है तो उनकी मुलाकात नहीं करवाई जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बंदियों के लिए बनी है पूडी, सब्जी, खीर
जेल में सजा काट रहे बंदियों के लिए जेल प्रबंधन ने त्योहार के खाने की व्यवस्था की है। रक्षाबंधन के त्योहार पर जेल में बंदियों के लिए हर बार की तरह है पूडी, सब्जी के साथ ही खीर बनाई गई है। यह खाना जेल में बंद अन्य कैदियों ने बनाया है। रक्षाबंधन पर जब बहन तिलक करेंगी तो उसके लिए लड्डू बनाए हैं, जो बहनों को जेल परिसर से ही खरीद कर जेल के अंदर ले जा रही हैं।
जेल के तीन पॉइंट पर हुई बहनों की जांच
जेल में किसी प्रकार की सामग्री अंदर नहीं जा सके इसके लिए तीन स्थानों पर चेकिंग व्यवस्था लगाई है। सिर्फ महिलाओं को जेल में प्रवेश मिल रहा है। सेंट्रल जेल में बाहरी पुरुषों का प्रवेश पूर्ण तौर से निषेध किया है। मिलाई के लिए जेल मैदान में टेंट लगाया गया है, जहां पर बैठ कर बहन अपने भाइयों को राखी बांध रही हैं।
भाइयों को राखी बांध सैकडों बहनें खुश
जेल में बंद बंद भाई से मिलने आई काजल ने बताया है कि रक्षाबंधन के मौके पर वह भाई से मिलने सुबह सात से आई थी। खुली जेल में भाई से मिलकर उन्हें राखी बांधी है और मिठाई भी खिलाई है। भाई से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है, जेल में बहुत ही अच्छा इंतजाम किया गया था।
बहन आरती का कहना है कि मैं अपने भाई मनोज को राखी बांधने आई थी। बहुत ही अच्छी व्यवस्था रखी गई है लेकिन काफी भीड थी। भीड के कारण महिलाओं में धक्का-मुक्की हो रही थी। मैंने अपने भाई से खुली जेल में मुलाकात कर राखी बांधी है। मैं अपने भाई के साथ करीब तीन से चार घंटे मिली हू और उनका हाल-चाल जाना है।