– प्रति दिन दुग्ध संकलन 8 हजार 721 से बढकर 17 हजार किलो पहुंचा
– दुग्ध संघ की बिक्री 11 हजार 838 से बढकर 15 हजार लीटर प्रति दिन तक पहुंची, किसानों के लंबित भुगतान भी कराए
ग्वालियर, 03 अगस्त। दुग्ध उत्पादक किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा दूध की खरीदी पर गत एक अगस्त से 20 रुपए प्रति किलो फैट की बढोत्तरी की गई है। दुग्ध संघ द्वारा अब 820 रुपए प्रति किलो ग्राम फैट की दर से दूध क्रय किया जा रहा है।
ज्ञात हो राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा गत 13 अप्रैल को ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ को अपने आधिपत्य में लिया गया है। एनडीडीबी द्वारा दूध खरीदी में लगातार प्रति किलो ग्राम फैट के अनुसार धनराशि की वृद्धि की जा रही है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे है। एनडीडीबी द्वारा पिछले 70 दिनों में किए गए प्रयासों की बदौलत बडा बदलाव आया है। ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ का दुग्ध विक्रय मार्च माह में 11 हजार 838 लीटर प्रति दिन था जो अब बढकर औसतन 14 हजार 500 से 15 हजार प्रति दिन हो गया है। एनडीडीबी ने लंबित भुगतान करने के साथ-साथ 10-10 दिन के अंतराल से हर माह की 5, 15 व 25 तारीख को दुग्ध उत्पादक किसानों का भुगतान किया जा रहा है। दुग्ध संघ द्वारा शेष भुगतान कराने के प्रयास भी पूरी गंभीरता के साथ किए जा रहे हैं।
ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार कि दुग्ध संघ के कार्यक्षेत्र में दुग्ध समितियों की संख्या भी लगातार बढ रही है। गत मार्च माह में संघ के कार्यक्षेत्र में मात्र 67 दुग्ध समितियां थी जो अब बढकर 206 हो गई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के प्रयासों से संघ का दुग्ध संकलन भी 8 हजार 721 किलोग्राम प्रति दिन से बढकर 17 हजार किलोग्राम प्रति दिन तक पहुंच गया है। दुग्ध संघ द्वारा दूध की गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया जा रहा है। किसानों से खरीदी गए दूध की शीतकेन्द्र व संघ स्तर पर बारीकी से जांच की जाती है। इससे उपभोगत्ताओं को उच्च गुणवत्ता का दूध मिल रहा है। एनडीडीबी द्वारा ग्वालियर दुग्ध संघ के सांची ब्राण्ड दूध एवं दूध से बने अन्य उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है। इस दिशा में ‘सांची हाथ बढाओ’ अभियान के तहत शहर में जगह-जगह केनोपी लगाकर एवं अन्य माध्यमों से उपभोगत्ताओं को सांची दूध व अन्य उत्पादों की खूबियां बताई जा रही हैं।