– कन्या शाला मिहोना में हुआ आत्मजा शक्ति संगोष्ठी का आयोजन
– पोक्सो एक्ट, बाल विवाह अधिनियम, घरेलू हिंसा, एनीमिया, आईटी एक्ट आदि विषयों पर बालिकाओं को किया जागरूक
भिण्ड, 22 जुलाई। शा. कन्या शाला मिहोना में आत्मजा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें बालिकाओं को पोक्सो एक्ट, बाल विवाह अधिनियम, घरेलू हिंसा, एनीमिया, आईटी एक्ट आदि विषयों पर जागरुक किया गया। संगोष्ठी में एसडीएम लहार विजय सिंह यादव, विषय विशेषज्ञ बीएमओ रौन डॉ. अनिल शर्मा, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अरुण शर्मा, चौकी प्रभारी मछण्ड रविन्द्र सिंह तोमर, महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी देवसिंह जाटव, शासकीय अधिवक्ता लहार मनोज गुप्ता, एडवोकेट संजीव नायक, डब्ल्यूएचओ सेे डॉ. प्रफुल्ल कुशवाहा के अलावा कक्षा 9वी से 12वीं तक की 200 से अधिक छात्राएं एवं कन्या विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
संगोष्ठी में एसडीएम लहार विजय सिंह यादव ने कहा कि 21वीं सदी बेटियों के नाम पर है, उन्हें जागरूक करना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि एनएफएचएस-5 के अनुसार 10 में से 7 महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं, एनीमिया महिलाओं की खराब शारीरिक स्थिति के लिए बडा कारण माना जाता है। खून की कमी की वजह से छात्राएं अध्ययन में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पातीं, वहीं विवाह पश्चात भी एनीमिया की वजह से मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर एवं विभिन्न प्रकार शारीरिक अनियमितताएं भी महिलाओं के पिछडेपन का एक बडा कारण है। बेहतर पोषण आहर के संदर्भ में बीएमओ डॉ. अनिल शर्मा एवं डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट प्रफुल्ल शर्मा ने छात्राओं का बेहतर मार्गदर्शन किया।
बेहतर समाज के लिए बालिकाओं का शिक्षित एवं जागरूक होना जरूरी : नायक
एडवोकेट संजीव नायक ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस समाज में छात्राएं बेहतर शिक्षित होगीं वह समाज आगे जाकर बेहतर होगा। क्योंकि संस्कारों की पहली पाठशाला महिलाएं होती हैं। वहीं चौकी प्रभारी रविन्द्र तोमर ने बालिकाओं को बताया कि वह बेहतर शिक्षा ग्रहण करें और अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बनें तो निश्चित ही अपराधों में कमी आएगी। अर्थात महिला अधिकार बेहतर रूप से सुरक्षित होंगे।
हम भी अधिकारी बनकर करना चाहती हैं समाज और राष्ट्र सेवा
इस अवसर पर विभिन्न विषयों पर बालिकाओं को जानकारी प्रदान की गई। बीच-बीच में बालिकाओं ने भी अधिकारियों से प्रश्न पूछे कि वह किस प्रकार आईएएस, आईपीएस मजिस्ट्रेट डॉक्टर इंजीनियर इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकती हैं, जिस पर अधिकारियों ने उन्हें बताया एवं किस प्रकार अध्ययन करें आवश्यक सुझाव दिए।