चंबल प्रदेश गठन की मांग को लेकर दिल्ली चलने के लिए कार्यकर्ता रहें तैयार : चौबे

भिण्ड, 21 जुलाई। राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग के संयोजक नरसिंह कुमार चौबे ने चौबे ने चंबल गठन की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं से दिल्ली चलने के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि हवन में आहुति देने से मानसून बनता है। मानसून टकराने से वर्षा होती है, हरा-भला लगने लगता है। लक्ष्य पवित्र हो, इच्छाशक्ति वृद्ध हो तो हर तरह का जनसहयोग मिलकर सफलता प्राप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि चंबल प्रदेश गठन से ही चंबलांचल का विकास होगा और इस संदेश को लेकर हनुमान सेना पार्टी घर-घर पहुंचेगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष चौबे ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि चंबल नदी का उदय मालवा मध्य प्रदेश में हुआ है, मालवा से चली चंबल नदी राजस्थान और मप्र की सीमा पर बांधों का निर्माण होने से किसानों की समस्याओं का निदान हुआ और किसान खुशहाल हुआ और चंबल अंचल में आकर चंबल नदी का अस्त हुआ। उन्होंने बताया कि अंचल में पांच-पांच नदियों का जलसंगम है। क्वारी, चंबल, यमुना, सिंध और पहुज जलसंगम पर पचनदा बांध की परियोजना 25 अक्टूबर 1983 में बनाई गई थी। केन्द्र सरकार से योजना के लिए लाखों-अरबों रुपए का बजट आता रहा है, लेकिन पचनदा बांध परियोजना पर काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है। अगर पचनदा बांध का निर्माण हो जाता है तो चंबल अंचल में भूमि कटाव कम होता है, जमीन का वाटर लेवल कम नहीं होता। सिंचाई, बिजली समस्या का समाधान होता, चंबल अंचल में नदियों का पानी ऐसा है कि किसान वर्षा पर निर्भर रहता है और किसान कर्ज में डूबा रहता है। किसान खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा।
चौबे ने बताया कि चंबलांचल की समस्या और निदान के मुख्य बिन्दुओं को लेकर राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी द्वारा 27 दिसंबर 1999 से पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग की गई है। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती 22 जिलों को मिलाकर जनता के बल पर पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग की गई है। उत्तर प्रदेश से- आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी और ललितपुर। मध्य प्रदेश से गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और भिण्ड। राजस्थान से धौलपुर, करौली, सवाई माधौपुर, कोटा, बारा, झालावाड जिले शामिल है।
चौबे ने बताया कि पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग को लेकर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति/सभापति राज्यसभा, लोकसभा अध्यक्ष, मुख्य न्यायाधिश उच्चतम न्यायालय, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री, नेता प्रतिपक्ष लोकसभा को पृथक चंबल प्रदेश गठन का नक्शा सहित 27 दिसंबर 1999 को आवश्यक कार्रवाई हेतु ज्ञापन दिया गया है और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान तीनों प्रदेशों को अवगत करा दिया गया है।