– ग्वालियर-चंबल संभाग में 956 इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य
– खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए मिलता है 10 लाख तक का अनुदान
ग्वालियर, 18 जुलाई। खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) एवं वेल्यू एडीशन अपनाकर उद्यानिकी फसलों से बडा मुनाफा हासिल किया जा सकता है। सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित कराने के लिए (पीएमएफएमई) संचालित है। ग्वालियर जिले के हितग्राही भी इस योजना का लाभ उठाकर उद्यमी बन सकते हैं। योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए इकाई लागत का 35 प्रतिशत और अधिकतम 10 लाख रुपए तक का अनुदान हितग्राहियों को उपलब्ध कराया जाता है।
पीएमएफएमई योजना के तहत ग्वालियर-चंबल संभाग में मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान 956 इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसमें से ग्वालियर संभाग में 589 और चंबल संभाग में 367 इकाईयां स्थापित कराई जाएंगीं। योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने के इच्छुक हितग्राही अपने-अपने जिले के उद्यानिकी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा अनुदान एवं बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
संभागीय संयुक्त संचालक उद्यानिकी से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले को मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान पीएमएफएमई योजना के तहत 101 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसी तरह शिवपुरी जिले को 153, गुना को 162, अशोकनगर को 69 व दतिया जिले को 104 इकाईयों का लक्ष्य मिला है। चंबल संभाग के मुरैना जिले में मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान पीएमएफएमई योजना के तहत 115 इकाईयां, भिण्ड जिले में 183 व श्योपुर जिले में 69 इकाईयों का लक्ष्य मिला है। सरकार द्वारा पीएमएफएमई योजना खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित असंगठित क्षेत्र में व्यक्तिगत उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओएफ), स्व-सहायता समूहों और उत्पादक सहकारी समितियों को खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने एवं उनकी सम्पूर्ण मूल श्रृंखला के लिए मदद प्रदान की जाती है। योजना के तहत इकाई लागत का 35 प्रतिशत और अधिकतम 10 लाख रुपए तक का अनुदान देने के साथ-साथ स्व-सहायता समूहों को सीड कैपिटल के रूप में 40 हजार रुपए प्रति सदस्य के मान से 4 लाख रुपए तक का अनुदान भी दिया जाता है।