भिण्ड, 20 जून। दबोह में दंदरौआ सरकार 1008 महामण्डलेश्वर रामदास महाराज के सानिध्य में 31 कुण्डीय विशाल श्रीराम महायज्ञ के अवसर पर चल रही श्रीराम कथा में व्यास पवन शास्त्री महाराज (दंदरौआ धाम) ने भगवान श्रीराम के जन्म की कथा सुनाई। कथा में भगवान राम का जन्म होते ही पण्डाल प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।
कथा वाचक पवन शास्त्री ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। श्रीराम कथा में पित, मां और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। उन्होंने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरू वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है। यज्ञ कुण्ड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है।
इस अवसर पर शुक्रवार की कथा में मेहगांव से भूमिया सरकार, कांक्सी सरकार के पुजारी नाटी महाराज भी पहुंचे। यहां बता दे कि दबोह में सिद्धेश्वर सरकार धाम के पीठाधीश्वर गोपाल कृष्ण शास्त्री के अथक प्रयास से मन्दिर परिसर में द्वितीय बार 24 जून तक 31 कुण्डीय विशाल श्रीराम महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान हनुमान चालीस, सुंदरकाण्ड पाठ, श्रीराम कथा, रामलीला, दिव्य दरबार एवं मेला महोत्सव भी आयोजित किया जा रहा है। वहीं इस महायज्ञ में आहुति यज्ञाचार्य विकास कृष्ण महाराज (वृन्दावन धाम) द्वारा दी जा रही हैं।