– रिमझिम बारिश में भी उमडा रहा श्रोताओं का जनसैलाब
– श्रीराम कथा में पहुंचे दंदरौआ सरकार रामदास महाराज
भिण्ड, 19 जून। दंदरौआ सरकार 1008 महामण्डलेश्वर रामदास महाराज के पावन सानिध्य में 31 कुण्डीय विशाल श्रीराम महायज्ञ के अवसर पर दबोह में चल रही श्रीराम कथा में व्यास पवन शास्त्री महाराज (दंदरौआ धाम) ने नारद मोह का एवं मनु-सतरूपा के तप का प्रसंग सुनाया।
नारद मोह प्रसंग के माध्यम से व्यासजी ने बताया कि एक बार नारद जी गंगा के समीप हिमालय की गुफा में तप कर रहे थे तभी इन्द्र ने उनके तप को भंग करने के लिए कामदेव को भेजा। कामदेव संपूर्ण प्रयास करके थक गया लेकिन नारद जी विचलित नहीं हुए। नारद ने काम, क्रोध एवं लोभ तीनों विकारों को भक्ति के प्रताप से जीत लिया, परन्तु अभिमान को नहीं जीत सके। वहीं से उनका पतन शुरू हो गया। जीवन में सदैव उन्नति के पथ पर आगे बढने के लिए मनुष्य को कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए। हम कितने ही बडे पद पर आसीन हो जाएं, कितना ही महान कार्य क्यों न कर लें, परन्तु हमें हमेशा अभिमान से दूर ही रहना चाहिए, सदैव ईमानदार एवं निष्कपट रहना चाहिए। इन्हीं गुणों से समाज एवं संसार में हमारी प्रतिष्ठा होगी।
गुरुवार को श्रीराम कथा में दंदरौआ सरकार के महंत 1008 महामंडलेश्वर रामदास महाराज पहुंचे। उनके पहुंचने पर पण्डाल में पुष्पवर्षा की गई। इस अबसर पर उन्होंने श्रोताओं को दंदरौआ सरकार के भजन भी सुनाए और कहा कि बहुत ही कम समय मे नगर दबोह इतना भव्य आयोजन काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि नगर में ऐसे ही धार्मिक कार्य होते रहना अतिआवश्यक है। वहीं इस दौरान रिनियापुरा महंत नरेश शर्मा महाराज व आलमपुर छतरीबाग हनुमान मन्दिर के महंत प्रभात महाराज श्रीराम कथा का में पहुंचे, व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
यहां बता दें कि दबोह में सिद्धेश्वर सरकार धाम के पीठाधीश्वर गोपाल कृष्ण शास्त्री के अथक प्रयास से मन्दिर परिसर में द्वितीय बार 15 से 24 जून तक 31 कुण्डीय विशाल श्रीराम महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान हनुमान चालीस पाठ, सुंदरकांड पाठ, श्रीराम कथा, रामलीला, दिव्य दरबार एवं मेला महोत्सव कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। वहीं इस महायज्ञ में आहुति यज्ञाचार्य विकास कृष्ण महाराज (वृन्दावन धाम) द्वारा दी जा रही हैं।