परोपकार से बढ़कर संसार में कोई बड़ा धर्म नहीं है : पं. सुरेश शास्त्री

मिहोना, 08 नवम्बर। संसार में परोपकार से बढ़कर कोई धर्म नहीं है, यदि मनुष्य को अपना परलोक सुधारना है तो हमेशा दूसरों के साथ भलाई करें तथा दूसरों के कार्य में सहयोग प्रदान करें। यह बात गोपाल धाम मिहोना में राधारानी सत्संग मण्डल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान मटियावली से पधारे प्रसिद्ध भागवत आचार्य पं. सुरेश शास्त्री ने कही।
शास्त्री जी ने कहा कि दूसरे स्थान पर सबसे बड़ा धर्म सत्य बोलना है गोस्वामी बाबा तुलसीदास जी की चौपाई का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि परहित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।। धर्म न दूसर सत्य समाना। आगम निगम पुराण बखाना।। हम सभी को सत्य मार्ग पर चलना चाहिए और अपनी कमाई का कुछ भाग धर्म के कार्य में लगाना चाहिए। क्योंकि हमारे बुजुर्ग लोग कहते हैं कि पुण्य की जड़ पाताल और पाप की जड़ अस्पताल होती है। उन्होंने कुंती स्तुति, भीष्म स्तुति, पारीक्षत वन गमन, सुकदेव आगमन, प्रहलाद चरित्र, ध्रुव चरित्र की कथा का वर्णन बड़े ही अनोखे ढंग से किया। इस अवसर पर गोपाल धाम तीरथ धाम में तब्दील हो गया है। भागवत कथा का पारीक्षित रामदास गुप्ता काथा वालों को बनाया गया है। प्रति दिन शाम के समय संतों का भण्डारा आयोजित किया जाता है। हवन एवं पूर्णाहुति 12 नवंबर को तथा विशाल भण्डारा 13 नवंबर को किया जाएगा।