नेशनल लोक अदालत 10 मई को

-बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण के होंगे समझौते

भिण्ड, 08 मई। मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भिण्ड के महाप्रबंधक अमरेश शुक्ला ने बताया कि कार्य क्षेत्र भिण्ड जिले में 10 मई शनिवार को नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगा।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 135 के अंतर्गत अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को ही प्रकरणों में छूट दी जाएगी। कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की गई है कि वे अप्रिय कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें। लोक अदालत में निराकरण के लिए दो स्तर के मामले शामिल किए जाएंगे।
प्रि-लिटिगेशन स्तर पर
कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चाम प्रत्येक छह माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
लिटिगेशन स्तर पर
कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छह माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। कंपनी ने कहा है कि लोक अदालत में छूट कुछ नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगी। आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/ उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजनों के विरुद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरुद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी, अनधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी, अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/ अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता/ उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुडी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में उपरोक्तानुसार दी जा रही छूट आकलित सिविल दायित्व राशि रुपए दस लाख तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 10 मई को समझौते करने के लिए ही लागू रहेगी।