आरक्षण व्यवस्था को बनाए रखने हेतु राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

भिण्ड, 21 अगस्त। आरक्षण की व्यवस्था को संविधान के अनुसार बनाए रखने व संविधान की नौवी अनुसूची में डालने हेतु भारत बंद के दौरान अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं पिछडा वर्ग के नागरिकों ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम गोहद को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि एक अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों में उपवर्गीकरण करने का फैसला सुनाया है। यह इसलिए हुआ कि भारत सरकार ने इस पर अपना पक्ष मजबूती के साथ नहीं रखा, संविधान के अनुच्छेद 341 व 342 के अनुसार अनुसूचित जातियों के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति जी को है, समय-समय पर आरक्षण के साथ छेडछाड की जाती है, आरक्षण क्षतिपूर्ति करने के लिए उन वर्गों को दिया गया है जिनके साथ हजारों सालों से जाति के नाम पर शोषण किया गया है और आज भी शोषण की खबरें प्रतिदिन आती रहती हैं, जब तक जाति के नाम पर शोषण होता है तब तक आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था रहनी चाहिए, उपवर्गीकरण से अनुसूचित जातियों में बंधुत्व की भावना समाप्त हो जाएगी। इसलिए भारत सरकार कानून बनाकर उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट कर नौवी अनुसूची में आरक्षण को डालन का कार्य करे, जिससे आरक्षण पर समय-समय पर होने वाले प्रहारों से बचा जा सके। इस अवसर पर जगदीश सिंह, मुकेश हिण्डोलिया, प्रेमनारायण कौशल, महेश, कमलेश पवैया, संजय सिंह, पूर्व जनपद सदस्य केदार सिंह कौशल आदि उपस्थित थे।