उत्कृष्ट विद्यालय क्र.एक में नशामुक्ति कार्यशाला आयोजित
भिण्ड, 10 अक्टूबर। मद्य निषेध सप्ताह के समापन अवसर पर शा. उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्र.एक भिण्ड में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा सहायता अधिकारी देवेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि चिकित्सक डॉ. हिमांशु बंसल, एडवोकेट सुनील दुबे, प्राचार्य पीएस चौहान, बीआरसीसी सत्येन्द्र सिंह कुशवाह एवं रासेयो कार्यक्रम अधिकारी धीरज सिंह गुर्जर मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि देवेश शर्मा ने अपने उद्वोधन में कहा कि नशा एक ऐसी विडंबना है, जिसके दुष्प्रभाव जानते हुए भी लोग इसके दलदल में फंस जाते हंै। सब जानते हुए भी अधिकांश लोग इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं। नशे के सभी उत्पादों पर स्पष्ट वैधानिक चेतावनी लिखी होती है कि नशा करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बावजूद इसके भी लोग इसका उपयोग करने से नहीं हिचकते। नशे की अंधी खाई में गिरने के कुछ खास कारण है- अनुकरण, उकसाना, तनाव, दिखावा, मजबूरी और उपलब्धता। युवा पीढ़ी को इस अंधी दौड़ से बचाने की जरूरत है। नशा करना है तो ईश्वर भक्ति, राष्ट्रीयता का नशा करें, पुस्तकें पढऩे का नशा करें।
डॉ. हिमांशु बंसल ने कहा कि नशा बच्चे, युवा या बड़े प्राय: सभी अपने मित्र मंडली से शुरू करते हैं। हमें काफी सोच समझकर मित्रता करनी चाहिए। स्वयं पाक साफ रहकर ही हम दूसरे लोगों को उपदेश दे सकते हैं। स्वयं को एवं अपने परिवार को इस लत से बचाएं। नशे से बचने के लिए रचनात्मक गतिविधियों में रुचि बढ़ाएं, परिवार वालों से मेलजोल रखें, एकाकीपन से बचें और रोजाना योग एवं प्राणायाम करें।
समाजसेवी सुनील दुबे ने कहा कि नशा व्यक्ति, परिवार, समाज और पूरे राष्ट्र को खोखला कर रहा है, इसे तिलांजलि दे देना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य पीएस चौहान ने कहा कि नशा शारीरिक मानसिक और आर्थिक सभी प्रकार से हानिकारक है। बीआरसीसी सत्येन्द्र सिंह कुशवाह ने कहा कि नशा सर्वनाश की जड़ है, इससे सर्वथा दूर रहें। कार्यक्रम में छात्रा निकिता राजावत, नैनसी श्रीवास, अनुभा और नीरज यादव ने भी अपने विचार रखे। संचालन कार्यक्रम अधिकारी धीरज सिंह गुर्जर ने किया और आभार उच्च माध्यमिक शिक्षक प्रीति व्यास ने व्यक्त किया। इस दौरान वरिष्ठ व्याख्याता जेएन पाठक, आरबी शर्मा, उपेन्द्र भदौरिया, सुरेन्द्र शर्मा, संजीव कुशवाह, मधु शर्मा सहित एनएसएस वॉलेंटियर्स एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं। कार्यशाला में नशे के दुष्प्रभावों को प्रदर्शित करने के लिए पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई। अंत में जीवन पर्यंत नशा न करने के संकल्प को दोहराया गया।