हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास एवं 10 हजार का जुर्मान

साक्ष्य के अभाव में छह आरोपियों को किया दोषमुक्त

भिण्ड, 25 जनवरी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला भिण्ड के न्यायालय ने थाना ऊमरी के प्रकरण क्र.82/2022 में हत्या के मामले में आरोपी रंजीत पुत्र भोपाल सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम चरी कनावर, थाना ऊमरी, जिला भिण्ड को धारा 302 भादंस के आरोप में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि जमा न करने पर आरोपी को दो वर्ष का सश्रम कारावास पृथक से भुगताया जाए। वहीं इस मामले के छह अन्य आरोपियों को न्यायालय साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। प्रकरण का संचालन जिला अभियोजन अधिकारी अरविंद श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक हेमलता आर्य ने किया।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी भिण्ड केपी यादव ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 18 मार्च 2022 को लगभग 11 बजे फरियादी नरेन्द्र सिंह भदौरिया के नाती जण्डेल, सतेन्द्र एवं विक्की होली के त्यौहार पर डीजे बजाने के लिए लेकर आए थे, जैसे ही घर के बाहर खाली पडी जगह मे डीजे रखा, तभी मोहल्ले में रहने वाले आरोपीगण आए और नातियों से गालियां देकर बोले कि यहां कोई डीजे नहीं बजेगा, तब उसके भाई लोकेन्द्र सिंह ने कहा कि गाली क्यों दे रहे हो, तब रंजीत सिंह एवं रुद्रपाल सिंह 12 बोर की बंदूक लेकर आ गए। शेष आरोपीगण भी हथियार लिए थे। रंजीत सिंह ने आते ही लोकेन्द्र सिंह को गाली देकर कहा कि बहुत बडा गुण्डा बनता है तथा लोकेन्द्र की तरफ बंदूक तान दी, लोकेन्द्र भागने के लिए मुडा, तभी रंजीत ने लोकेन्द्र को जान से मारने की नियत से गोली मारी, जो लोकेन्द्र के पीठ में लगी और वह वहीं गिर गया। रामू भदौरिया, लोकेन्द्र को उठाने के लिए गया, तभी रुद्रपाल ने उसके भी 12 बोर की बंदूक से जान से मारने की नियत से गोली मारी, जो रामू की दाहिनी टांग की पिडली में लगी, खून निकल आया। गोलियों की आवाज सुनकर भीड एकत्रित हो गई। तभी देवपाल, हेमराज, विशाल, मिंटू, राजवीर अपने हाथों में भी हथियारों से हवाई फायर किए, जिससे लोग दहशत में आ गए। जाते समय सभी आरोपी बोले कि मेरी मर्जी के बिना कभी कोई प्रोग्राम किया तो जान से मार देंगे। लोकेन्द्र सिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गई। फरियादी नरेन्द्र सिंह भदौरिया ने घटना की रिपोर्ट थाना ऊमरी में दर्ज कराई, जिस पर से अपराध क्र.46/22 धारा 302, 307, 147, 148, 149, 336 भादंवि पर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।