सनातन परंपरा के वाहक थे विवेकानंद : शैलेश नारायण

युवाओं के प्रेरणास्त्रोत थे विवेकानंद : राधेगोपाल
स्वामीजी ने नर सेवा नारायण सेवा के संदेश को साकार किया : पाठक
जन अभियान परिषद ने की विवेकानंद जयंती पर जिला स्तरीय कार्यशाला

भिण्ड, 13 जनवरी। सनातन परंपरा के वाहक थे विवेकानंद जी, उन्होंने भारतीय सनातन की ध्वजा को शिकागो में न केवल फहराया, बल्कि भारतीय जीवन शैली, विचारों को भी परिचित कराया। वे भारतीय सनातन के अद्वितीय संत थे। यह बात समाज सेवी शैलेश नारायण ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर जिला पंचायत सभागार में आयोजित व्याख्यान माला में कही। इस अवसर पर समाजसेवी राधेगोपाल यादव, विवेकानंद केन्द्र से श्रवण पाठक सहित समस्त नवांकुर संस्थाओं, प्रस्फुटन समितियों के प्रतिनिधि, मेंटर्स, बीएसडब्ल्यू/ एमएसडब्ल्यू के छात्र, समाजसेवी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मप्र जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया एवं आभार प्रदर्शन विकास खण्ड मेहगांव समन्वयक जयप्रकाश शर्मा ने किया। इस अवसर पर राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा हेतु जिले में होने वाली गतिविधियों की रूपरेखा भी बनाई गई।

शैलेश नारायण सिंह ने कहा कि विवेकानंद जी की जयंती के उपलक्ष में आयोजित उक्त कार्यक्रम हेतु जन अभियान बधाई का पात्र है। स्वामीजी ने शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए भारत की सभ्यता को दुनिया की सबसे श्रेष्ठ सभ्यता सिद्ध किया था। उन्होंने सनातन धर्म की ध्वजा को युवाओं को आगे ले जाने का आग्रह किया। स्वामीजी ने भारत की अखयडता संप्रभुता और सांस्कृतिक विरासत को विदेशी धरती पे परिभाषित किया। सही मायने में सनातन परंपरा के संवाहक थे स्वामीजी, उन्होंने विश्व भर में सनातन की जो परिभाषा प्रतिपादित की आज भी जगत इस परिभाषा पर विश्वास करता है।
समाजसेवी राधेगोपाल यादव ने कहा कि विवेकानंद जी के संपूर्ण जीवन में से यदि हम एक अंश की भी सीख ले लें, तो हमारा जीवन साकार हो जाएगा। वह युवाओं के प्रेरणा श्रोत हैं, हमें उनसे यह सीख लेनी चाहिए कि यदि लक्ष्य बनाकर हमने कार्य किया तो सफलता निश्चित है। यही मंत्र जीवन में अपना कर हम आज यहां लक्ष्य निर्धारित करें। वरिष्ठ समाजसेवी एवं विवेकानंद केन्द्र से आए श्रवण श्रवण पाठक ने कहा कि मनुष्यता का सही धर्म यदि किसी ने प्रतिपादित किया है तो वह विवेकानंद जी हैं, हमें उनसे यह सीख लेनी चाहिए कि जीवन का उद्देश्य क्या हो। स्वामीजी ने नर सेवा नारायण सेवा का जो संदेश इस दुनिया को दिया है वह अमिट है और उसी से प्रेरणा लेकर हमें भी सदैव सकारात्मक भाव से कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर भिण्ड जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने भी संबोधित किया।