भिण्ड, 26 नवम्बर। शा. महाविद्यालय आलमपुर की एनएसएस इकाई के स्वयं सेवकों ने 26 नवंबर रविवार को संविधान दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर शपथ ली।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. बीएस निरंजन ने महात्मा गांधी की प्रतिमा एवं संविधान की मूल प्रति पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना के उपरांत कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधान में एक है, भारतीय संविधान सभा ने इसे 26 नवंबर 1949 ई. को अंगीकृत किया था। भारतीय संविधान देश की शासन व्यवस्था का आधार और पथ प्रदर्शक होने के साथ दुनिया की अच्छाइयों का समूह है। संविधान निर्माताओं में मुख्य श्रेय प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर को जाता है। उनके सराहनीय योगदान के कारण देश उनका सदैव ऋणी रहेगा। अंबेडकर के योगदान को देखते हुए 1915 ई. में उनकी 125वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में संविधान दिवस मनाने की शुरुआत हुई। संविधान को तैयार करने में दो वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे।
खास बात तो यह है कि शा. महाविद्यालय के एनएसएस स्वयं सेवकों ने इस बार संविधान की मूल प्रति के साथ संविधान दिवस मनाया है। ज्ञात रहे ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा शा. महाविद्यालय आलमपुर के जनभागीदारी समिति अध्यक्ष कल्याण सिंह कौरव को संविधान की मूल प्रति भेंट की गई थी। जिसे उन्होंने महाविद्यालय के सुपुर्द कर दी है। स्वयं सेवकों ने इस मूल प्रति की सराहना कर संविधान को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर डॉ. शिवेन्द्रमणि शुक्ल, लाखन सिंह कौरव, बलवीर सिंह, अजय कुशवाह, प्रथम जैन सहित एनएसएस के स्वयं सेवक उपस्थित थे।