मनुष्य को कर्म के अनुसार फल अवश्य मिलता है : सुरेश चंद्र शास्त्री

मिहोना में श्रीमद् भागवत कथा का सफल आयोजन

मिहोना, 29 सितम्बर। नगर के चतुर्वेदी मैरिज हाउस में श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास पं. सुरेश चंद्र शास्त्री लारोल मछण्ड ने समस्त श्रोताओं को कथा सुनाते हुए कहा कि कोई भी मनुष्य हो उसे किए हुए कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है, श्री रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि काया तें जो पातक होई। बिन भोगहि छूटई नहि कोई।। कर्म प्रधान विश्व रचि राखा। जो जस करहिं सो तस फल चाखा।। हम सभी को संसार में रहकर अच्छे कार्य करना चाहिए परोपकार करना चाहिए सत्य बोलना चाहिए तो हमें मुक्ति प्राप्त हो सकती है बुरे कर्म करने वालों को एवं झूठ बोलने वाले लोगों को पाप का फल अवश्य भोगना पड़ता है ऐसा वेद पुराणों में लिखा है।


शास्त्री जी ने सती प्रसंग, शिव विवाह, ध्रुव चरित्र आदि की कथा का भी वर्णन किया। कथा के द्वितीय व्यास पं. कैलाश नारायण शास्त्री उगाईखेड़ा धाम ने कपिल मुनि एवं श्रीमद् भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलयुग में राम नाम के उच्चारण मात्र से मनुष्य भवसागर पार हो सकता है, बाबा गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है कि कलयुग केवल नाम अधारा। सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा।। कथा का आयोजन नवप्रकाश सोनी उर्फ लला द्वारा कराया जा रहा है। व्यवस्थापकों में विनय बौहरे, रामप्रकाश सोनी, जयप्रकाश सोनी, विजय प्रकाश सोनी एवं अजय प्रकाश सोनी आदि हैं। हवन आहुति के बाद संत भंडारा छह अक्टूबर बुधवार को होगा।