अटेर विकास खण्ड के 10 ग्रामों में पहुंची स्नेह यात्रा
भिण्ड, 22 अगस्त। यदि आपस में स्नेह नहीं होगा तो निश्चित मानिए कि महाभारत तय है, सभी के जीवन का सार प्रेम है और हमें प्रेम करना भी चाहिए तभी भेदभाव मिट सकेगा। इसलिए आप सभी सारे द्वेष, विद्वेष और कटुता को भुलाकर आपस में स्नेह का मार्ग प्रशस्त करें। मप्र शासन की यही मंशा है, इसलिए यह स्नेह यात्रा है। यह बात आचार्य शंकर न्यास पीठ से पधारे राजकीय अतिथि स्वामी वेदतत्वानंद महाराज ने सातवें दिन अटेर विकास खण्ड में संचालित स्नेह यात्रा के दौरान कही।
मूरतपुरा स्तिथ दुर्गा मन्दिर प्रांगण में स्वामी वेदतत्वानंद ने कहा कि मप्र शासन द्वारा निकाली जा रही इस समय यात्रा में आप सभी लोग इसकी मूल अवधारणा को समझकर कार्य करें। भगवान ने सबको समान अवसर दिए हैं। जब ईश्वर ने भेदभाव नहीं किया तो आप कैसे कर सकते हैं। इसलिए हमें जातियों से ऊपर उठकर सोचना होगा। गांवों में आज भी भेद का भाव आता है, लेकिन उसे स्नेह से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे ही द्वेष खत्म होगा और प्रेम का विस्तार होगा, शासन की इस यात्रा का उद्देश्य पूर्ण हो जाएगा। यह यात्रा रोजाना लगभग 10 गांवों से निकल रही है।
सातवें दिन यात्रा भिण्ड से आरंभ हुई और अटेर विकास खण्ड के ग्राम परा, रिदोली, जवासा, मुडियाखेडा, भुजपुरा, धरई, मूरतपुरा, पावई, एतहार, लावन ग्राम पहुंची। लावन में यात्रा का सहभोज और रात्रि विश्राम किया। स्वामीजी द्वारा समस्त ग्रामों में ग्रामवासियों को आपसी प्रेम, सहयोग, स्नेह साथ ही जातिपांति, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, छुआछूत इन सबसे उपर उठकर सभी को समाज में सामूहिकता से रहने का संदेश दिया जा रहा है। इस यात्रा में प्रयाग से पधारे स्वामी सुरेश गिरी नागा महाराज का आशीर्वाद भी लोगों को प्राप्त हो रहा है। इस यात्रा में वेदतत्वानंद महाराज के साथ गायत्री परिवार, पतजलि, रामचंद्र मिशन, अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, चंबल संभाग समन्वयक धर्मेन्द्र सिंह सिसौदिया, जन अभियान परिषद भिण्ड के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया तथा भिण्ड के मेंटर, समस्त सीएमसीएलडीपी के छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही।