मुनि के सानिध्य में भक्ताम्बर विधान में चल रही है भगवान की आरधान
भिण्ड, 20 अगस्त। ईश्वर की भक्ति में विश्वास उपयोगी है, अपने से बढकर किसी पर भरोसा न करो, जिसमें लज्जा न हो और जो झूठ बोलता हो, वह भरोसेमंद नहीं है। विनम्रता से हर गुण मिलता है। आज जब संस्कारों की बात आती है तो आचार्य भगवान कहते हैं कि बचपन में मिले संस्कार जीवनभर साथ रहते है। यह उदगार श्रमण मुनि विनय सागर महाराज ने संस्कारमय पावन वर्षायोग समिति एवं सहयोगी संस्था जैन मिलन परिवार के तत्वावधान में रविवार को महावीर कीर्तिस्तंभ मन्दिर में आयोजित 48 दिवसीय भक्ताम्बर महामण्डल विधान में व्यक्त किए।
मुनि विनय सागर महाराज ने कहा कि रोटी आपको जीवन देती है, लेकिन एक अच्छी किताब से आप जीवन जीने की कला सीखते हैं। संसार के त्याग में विवेक काम आता है। पुस्तकों से ज्ञान मिलता है और संतों के सत्संग से बुद्धि आती है। व्यक्ति के जीवन में संस्कारों का अपना ही महत्व होता है। ये अनुष्ठान अमिट छाप छोडते हैं। आज माता-पिता को चिंता है कि उनके बच्चे गलत रास्ते पर न जाएं, सुसंस्कृत बनें। यदि बच्चों को बचपन में सही संस्कार मिलेंगे तो बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा। माता-पिता का बुढापा भी अच्छा व्यतीत होगा। उन्होंने कहा कि जो वर्तमान में ही जीते हैं, भूत-भविष्य का नहीं सोचते और जो प्रतिपल जागरुक रहते हैं, वे ही अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो सकते हैं। समय और प्राण दोनों एक जैसे हैं, एक बार जाने के बाद वापस नहीं आते। महत्वपूर्ण कार्यों को ठीक समय पर न करना और व्यर्थ कार्यों में समय को बर्बाद करना भी जीवन-रस को सुखाने का एक कारण बना हुआ है।
प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनि विनय सागर महाराज के सानिध्य में शाम को जैन समाज के लोगा संगीतमय भगवान जिनेन्द्र की दीपकों से महाआरती भक्ति करते है। आरती के उपरांत धार्मिक प्रश्न मंच पूछने के साथ विजेता को पुरुस्कार प्रदान करते है।
इन्द्रों ने भगवान जिनेन्द्र का किया अभिषेक, कलश से की शांतिधारा
श्रमण मुनि विनय सागर महाराज के सानिध्य एवं विधानचार्य शशिकांत शास्त्री ग्वालियर के मार्गदर्शन में केशरिया वस्त्रों में इन्द्रों ने मंत्रों एवं कलशों से भगवान आदिनाथ को जयकारों के साथ अभिषेक किया। मुनि ने अपने मुखारबिंद मंत्रों से भगवान आदिनाथ के मस्तक पर इन्द्रा- मुन्नालाल जैन, राजीव जैन, राजू जैन, दीपू जैन, रिषभ जैन, संभव जैन, उत्सर्ष जैन, नेमीचंद्र जैन, मनोज कुमार जैन, अर्पित जैन परिवार ने शांतिधारा की। मुनि को शास्त्र भेंट समाज जनों ने सामूहिक रूप से किया। आचार्य विराग सागर, विनम्र सागर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन विधानकर्ता परिवार ऊषा जैन, मुन्नालाल जैन, राजीव जैन, राजू जैन, दीपू जैन, प्रीति जैन, पूजा जैन, मनु जैन, सलोनी जैन, रिषभ जैन, संभव जैन उत्सर्ष जैन, नेमीचन्द्र जैन, आशा जैन, मनोज कुमार जैन, अर्पित जैन, आर्यन जैन, आरती जैन, रिंकी जैन, नैंसी जैन परिवार द्वारा किया गया।
भक्ताम्बर विधान में प्रभु की आरधान कर नृत्य के साथ चढाए महाअघ्र्य
श्रमण मुनि विनय सागर महाराज के सानिध्य में विधानचार्य शशिकांत शास्त्री ने भक्ताम्बर महामण्डल विधान में विधानकर्ता परिवार ऊषा जैन, मुन्नालाल जैन, राजीव जैन, राजू जैन, दीपू जैन, प्रीति जैन, पूजा जैन, मनु जैन, सलोनी जैन, रिषभ जैन, संभव जैन, उत्सर्ष जैन, नेमीचंद्र जैन, आशा जैन, मनोज कुमार जैन, अर्पित जैन, आर्यन जैन, आरती जैन, रिंकी जैन, नैंसी जैन परिवार एवं इन्द्रा-इन्द्राणियों ने भक्ताम्बर मण्डप पर बैठकर अष्टद्रव्य से पूजा अर्चना कर भक्ति नृत्य करते हुए महाअघ्र्य भगवान आदिनाथ के समक्ष मण्डप पर समर्पित किए।