स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं मीसाबंदी पं. लक्ष्मीनारायण शर्मा की पुण्यतिथि आज

भिण्ड, 04 जुलाई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं मीसाबंदी पं. लक्ष्मीनारायण शर्मा ग्राम अतरसूमा जिला भिण्ड की पांच जुलाई को 30वीं पुण्यतिथि है। पण्डित जी ने वर्ष 1934 में फूप व्हीएम विद्यालय से मिडिल स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद से ही देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष प्रारंभ कर दिया था। उस समय उनकी आयु 16 वर्ष 8 माह थी।
उन्होंने 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन के समय भूमिगत रहकर चंबल घाटी के जिलों जिन्हें तत्काल ग्वालियर रेसिडेंसी कहा जाता था के साथ ही तत्कालीन यूनाइटेड प्रोविन्स क्षेत्र में आंदोलन का संचालन करते हुए हजारों युवकों को देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया था। पण्डित जी उस समय कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे जब भिण्ड जिले में कोई भी अन्य पार्टी अस्तित्व में नहीं थी। बाद में वे कांग्रेस पार्टी छोडकर समाजवादी पार्टी में चले गए थे एवं आजीवन उसी पार्टी में रहे। उन्होंने न सिर्फ देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आपातकाल में 19 महीने सेंट्रल जेल ग्वालियर में काटे। 25 जून 1975 अद्र्ध रात्रि को आपातकाल की विधिवत घोषणा के पूर्व ही उन्हें सुबह आठ बजे उनके भिण्ड निवास तत्कालीन नवयुग गृह निर्माण सोसाइटी (अब कुशवाह कॉलोनी) इटावा रोड भिण्ड से तत्कालीन टीआई एवं दो अन्य पुलिस कर्मी यह कहकर अपने साथ ले गए थे कि उनको एसपी साहब ने याद किया है। वहीं से उन्हें आपातकाल की घोषणा के बाद मीसा के तहत सेंट्रल जैल ग्वालियर भेज दिया गया था, जहां उन्हें आपातकाल के समाप्त होने तक मीसाबंदी के रूप में रखा गया था। उनके अभिन्न मित्र रहे रघुवीर सिंह कुशवाह जो जेल में उनके साथ थे आपातकाल में एमआईएसए बंदी के रूप में स्वर्ग सिधार गए थे।
उनके कुछ साथी जो जेल में साथ रहे थे जैसे सीनोर निवासी सत्यनारायण बोहरे एवं मुरैना निवासी विजय सिंह सिकरवार वकील एवं रक्षपाल सिंह तोमर पुराने समय की यादों में खो जाते हैं और उस समय की बातें करते करते उनकी आंखें नम हो जाती हैं। पण्डितजी के कार्य क्षेत्र में भिण्ड के अतिरिक्त ग्वालियर, दतिया एवं मुरैना जिले भी सम्मिलित थे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ वे अभूतपूर्व समाजसेवी भी थे। लोक कल्याण के कार्यों हेतु उन्होंने राजनैतिक पार्टियों की दीवार तोडकर राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं के संपर्क में रहने के साथ ही क्षेत्र के सभी राजनैतिक दलों के नेताओं के साथ मिलकर उन्होंने क्षेत्र के किसानों एवं अन्य लोगों के हित में कई कार्य किए थे। सर्वोदय के अग्रणी महानुभावों के साथ ही सर्वोदय संत लल्लूदद्दा आदि यहां तक कि उस समय के तथाकथित दस्यु दल के प्रमुख मानसिंह आदि से संपर्क कर उन्होंने कई जगह संघर्ष की स्थिति को टालने में सहयोग किया था। ग्राम सुधार संगठन के अध्यक्ष के रूप में अटेर क्षेत्र में उन्होंने संगठन के संस्थापक डॉ. सरदार सिंह भदौरिया क्यारीपुरा एवं अन्य सदस्यों के साथ मिलकर कई जटिल समस्याओं का निपटारा करवाया था। इसके अतिथि वे कृष्टि उपज मण्डी समिति भिण्ड में उपाध्यक्ष एवं सेंट्र्रल कोपरेटिब बैंक भिण्ड में भी जनप्रतिनिधि के रूप में रहे एवं किसानों के हित में हमेशा ही कार्य करते रहे। ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भिण्ड में परशुराम छात्रावास के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई थी। पण्डित जी के द्वारा देशहित एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु किए गए विभिन्न कार्य हम सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।