नाबालिगा दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

न्यायालय ने आरोपी पर 15 हजार का जुर्मान भी लगाया

ग्वालियर, 27 जून। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं त्रयोदशम अपर सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय में विचाराधीन विशेष प्रकरण क्र.18/20 धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में नाबालिगा के साथ गलत काम करने वाले अभियुक्त हिमांशु पटेल को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। जुर्माने के व्यतिक्रम में तीन माह सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादिया (अभियोक्त्री की मां) ने पुलिस थाना विश्वविद्यालय में उपस्थित होकर एक लेखीय आवेदन प्रस्तुत किया कि अभियोक्त्री शिवपुरी लिंक रोड में कक्षा 10वीं में पढ़ती है, अभियोक्त्री ने बताया कि उसके स्कूल में अभियुक्त हिमांशु पटेल उसके स्पोर्टस टीचर हैं, जो उनका पीटी पीरियड लेते है, अभियुक्त हिमांशु ने अभियोक्त्री से एक दिन कहा कि यूआर गुड प्लेयर, आप अच्छा खेलती हो फिर अभियुक्त एवं अभियोक्त्री की नॉर्मल बातचीत होती थी, कुछ दिन बाद अभियुक्त ने बात करना बंद कर दिया, फिर अभियोक्त्री ने पूछा कि सर आप मुझे इग्नोर क्यों कर रहे हो तो अभियुक्त ने अभियोक्त्री से मोबाईल पर बात करने के लिए कहा, जब अभियोक्त्री ने फोन लगाकर बात की तो अभियुक्त हिमांशु ने कहा कि आई लाईक यू, मैं आपको पसंद करता हूं, क्योंकि आप बहुत इनोंसेंट हो, क्लास में चुप रहती हो, एक दिन अभियोक्त्री को फोन करते हुए उसकी मां ने देखा तो वह उसके स्कूल में यह पता करने गई कि क्या चल रहा है, हिमांशु सर कौन है, पर अभियोक्त्री की मां को बताया गया कि सर छुट्टी पर है, अभियोक्त्री की मां सर को पहचानती नहीं थी, सर स्कूल में ही थे। उसके बाद पांच अक्टूबर 2019 को जब वह घर पर नहीं थी और अभियोक्त्री अकेली कोचिंग जा रही थी, तभी अभियुक्त हिमांशु पटेल अभियोक्त्री को बहला-फुसलाकर घुमाने के बहाने अपने घर लेकर गया, जहां अभियुक्त ने अभियोक्त्री को जबरदस्ती सिगरेट पिलाई और उसके साथ मना करने पर भी जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए तथा वापस घर पर छोड़ गया, डर के कारण अभियोक्त्री ने कुछ दिन बाद अपनी मां को घटना बताई, अभियोक्त्री की मां ने उक्त दिनांक को अभियोक्त्री के साथ थाने में उपस्थित होकर अभियुक्त हिमांशु के खिलाफ शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया। जिसके आधार पर पुलिस थाना विश्वविद्यालय जिला ग्वालियर में प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध क्र.362/2019 पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री एवं साक्षीगण के कथन लेखबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया तथा बाद चिकित्सीय परीक्षण नक्शा मौका बनाया जाकर संकलित प्रदर्शों को क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला प्रेषित करने के उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त को सजा सुनाई है।