जो भक्तों के पापों का हरण कर ले वही हरि : प्रियंका शास्त्री

29 कुण्डीय श्रीराधा-कृष्ण महायज्ञ एवं भागवत कथा में छटवे दिन हुए प्रवचन

भिण्ड, 23 मई। दबोह क्षेत्र के ग्राम धौरका में 29 कुण्डीय श्रीराधा-कृष्ण महायज्ञ, सर्वजातीय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ, श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान छटवे दिवस प्रियंका शास्त्री ने श्रीमद् भागवत में प्रवचन करते हुए कहा कि जिसका कोई नहीं है उसके भोलेनाथ हैं, शायद यही वजह है कि भूत और प्रेतों को भी भोलेनाथ अपनी शरण में रखते हैं।
उन्होंने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार महाराज भागीरथ ने अपने पूर्वजों को जीवन-मरण के दोष से मुक्त करने के लिए गंगा का पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तप किया, इससे मां गंगा प्रसन्न हुईं और वह पृथ्वी पर आने के लिए तैयार हो गईं। लेकिन उन्होंने भागीरथ से कहा कि उनका वेग पृथ्वी सहन नहीं कर पाएगी और रसातल में चली जाएगी। यह सुनकर भागीरथ ने भोलेनाथ की आराधना की, शिव उनकी पूजा से प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा। तब भागीरथ ने उनको अपने मनोरथ बताया। इसके बाद जैसे ही गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं तो भोलेनाथ ने उनका अभिमान चूर करने के लिए उन्हें अपनी जटाओं में कैद कर लिया।
कथा व्यास ने बताया कि सतयुग के दौरान अवधपुरी में राजा उत्तानपद राज किया करते थे, उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनके कोई संतान नहीं थी, देवर्षि नारद रानी को बताते हैं कि यदि तुम दूसरी शादी करवाओगी तो संतान प्राप्त होगी, रानी अपनी छोटी बहन सुरुचि की शादी राजा से करवा देती है, कुछ समय बाद सुरुचि को एक संतान की उत्पत्ति होती है, जिसका नाम उत्तम रखा, उसके कुछ दिनों के बाद बड़ी रानी भी एक बालक ध्रुव को जन्म देती है, पांच वर्ष बाद जब राजा उत्तम का जन्म दिन मना रहे थे तो बालक ध्रुव भी बच्चों के साथ खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया, जिस पर सुरुचि उठा देती है और उसे कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म तक इंतजार कर बालक, ध्रुव यह बात चुभ जाती है और वह वन में जाकर कठिन तपस्या करने लगते हैं, उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उन्हें दर्शन देते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देने का वचन देते है। इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और प्रभु की भक्ति में कोई विघ्न नहीं डालना चाहिए।
इस दौरान यज्ञ प्रबंधक चंद्रशेखर कुशवाहा भगतजी, यज्ञाचार्य शिवम शास्त्री श्रीधाम वृंदावन, पूर्व विधायक रसाल सिंह, रामकुमार महाते, राजेन्द्र सिंह गुर्जर, बालजी गुर्जर, राजभईया गुर्जर, शिवम गुर्जर, यज्ञ परीक्षत बब्बूराजा गुर्जर गोटिया, कथा परीक्षत सुनीता अनुरुद्ध सिंह गुर्जर बड़ेलला एवं क्षेत्रवासी मौजूद रहे।