जब मनुष्य के पुण्य उदित होते हैं तब कथा सुनने को मिलती है : प्रशान्त महाराज

ग्राम मटघाना में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 22 मई। अटेर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मटघाना में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के चौथे दिवस कथा व्यास पं. प्रशांत महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व समझाते हुए बताया कि जब भगवान कृपा करते हैं तब मनुष्य को भगवान की कथा में जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है। श्रोता वो अच्छा है जो कथा सुनने से भागे नहीं, कथा सुनने के लिए भागे। उन्होंने भागवत का प्रथम श्लोक श्रवण कराते हुए श्रृद्धालुओं को दोहराने के लिए कहा- ‘सत चित आनंद’ भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में नमन करते हुए बताया कि हमारे भूत, भविष्य, वर्तमान सभी भगवान के हाथ में हैं। मनुष्य प्रयास करता है कि हमारे सब संकट कट जाएं, लेकिन जो इस संसार में आ जाए, वो दुखालय में आ गया, हम उसके पास जाते हैं जो स्वयं दुखी हैं, तो वो हमारे संकट क्या दूर करेगा। हमें अगर जाना चाहिए तो भगवान के आगे जाना चाहिए, जो हमें सब संकटों से मुक्त कर सकते हैं।

महाराज ने कहा कि भागवत कथा सुनने से संस्कारों का उदय होता है, जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों ना आ जाए मनुष्य को अपना धर्म व संस्कार नहीं छोडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाण प्रीत है, वह जीवन धन्य है, ईश्वर ने आदर्श प्रस्तुत किए हैं उन्हें व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों को अच्छा मानव बनने की शिक्षा और संस्कार देना चाहिए, जिससे वह बुढ़ापे में अपनी माता-पिता व संतजनों की सेवा और गौवंश की रक्षा करें। बच्चों को समझाते हुए महाराज ने कहा कि बच्चों को प्रतिदिन सुबह माता-पिता के पैर छुना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान भी उन्हीं को अपनाते हैं जो माता-पिता, गुरू की सेवा करता हैं।