समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता के विरोध में मातृशक्ति ने सौंपा ज्ञापन

भिण्ड, 02 मई। भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिक विवाह के अधिकार को विधि मान्यता देने के निर्णय लेने में जो तत्परता दिखाई जा रही है, उसे लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध किया जा रहा है। इसी क्रम में भिण्ड में मातृशक्ति जागरण मंच द्वारा एसडीएम भिण्ड के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर ज्ञापन देने वाले मातृशक्ति के प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि हमारे देश में विवाह दो अलग लैंगिक का पवित्र मिलन है। जिससे भारत का समाज विकसित हुआ है, साथ ही विवाह का एक सभ्यागत महत्त्व है और एक महान एवं समय की कसौटी पर खरी उतरी वैवाहिक संस्था को कमजोर नहीं करना चाहिए। ज्ञापन सौंपने वालों में स्नेहलता भदौरिया, मीना ओझा, मंजू शाक्य, पूनम राजावत, मधुकांता चौहान आदि प्रमुख हैं।