स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठनों द्वारा दिल्ली एवं सीहोर में कार्यक्रम आयोजित

जलियाबाला बाग के शहीदों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बलिदान दिवस एवं बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर की जयंती पर दी श्रृद्धांजलि

ग्वालियर, 14 अप्रैल। सांस का हर सुमन है वतन के लिए, जिंदगी है हवन अब वतन के लिए, खून से जिनके सींचा गया ये चमन है हमारा नमन उस चमन के लिए। इन्ही नारों के साथ जयघोष करते हुए सीहोर मप्र में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन प्रदेश अध्यक्ष अजय सीतलानी, प्रदेश महासचिव अशोक सिंधु के नेतृत्व में जलियाबाला बाग के शहीदों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बलिदान दिवस एवं बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर की जयंती पर एक विशाल सदभावना यात्रा एवं शहीद श्रृद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं प्रदेश सचिव अशोक सोनी निडर ने जानकारी देते हुए बताया कि सीहोर में मुख्य आतिथ्य के रूप में चिंतक विचारक कल्कि पीठाधीश्वर श्रीआचार्य प्रमोद कृष्णन, कंप्यूटर बाबा, रघु ठाकुर, स्थानीय सांसद, विधायक, मप्र एवं अन्य प्रांतों से पधारे शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं, लेकिन भारत की एकता अखण्डता का सपना देखने वाले उन शहीदों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान के लिए सेनानी परिजन सदैव कटिबद्ध हैं और सरकारों को भी उन वीर सपूतों का सम्मान करना ही होगा। अन्य वक्ताओं ने भी केन्द्र एवं राज्यों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार प्रकोष्ठ बनाकर उनकी समस्याओं के समाधान पर जोर दिया। कार्यक्रम में ग्वालियर से संभागीय अध्यक्ष अरविन्द वाजपेई, जिलाध्यक्ष राकेश चौरसिया, गिर्राज शर्मा, हरीओम चौरसिया, भिण्ड से प्रदेश सचिव अशोक सोनी निडर, मदन मोहन पालीवाल, ओमप्रकाश कुशवाह, झांसी से प्रदेश सचिव गिरजा शंकर राय सहित कई परिजनों ने सहभागिता की।
एक ही समय, एक ही तारीख में हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेताजी सुभाष चंद्र की पोती राज चौधरी के नेतृत्व एवं महान स्वतंत्रता सेनानी केआर माधवन की गरिमामयी उपस्थिति में दिल्ली में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों को श्रृद्धासुमन समर्पित करते हुए शहीद, स्वतंत्रता सेनानी स्मारक बनाने एवं राष्ट्रीय परिवार घोषित करने की मांग की। गत वर्ष इंदौर के कार्यक्रम से प्रेरित होकर देश के हर जिले में हर महीने के प्रथम रविवार को हर सेनानी परिवार में राष्ट्रगान के साथ झण्डा रोहण करके नई पीढ़ी को आजादी के इतिहास से परिचित करवाने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। वतन की आन जिंदा है वतन की शान जिंदा है, तिरंगा यूं ही लहराए यही अरमान जिंदा है। हमारे मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता, शहीदों की शहादत से ये हिन्दुस्तान जिंदा है।।