नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

सागर, 24 मार्च। अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) देवरी, जिला सागर की अदालत ने नाबालिगा को भगा कर ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी इंदू उर्फ इंद्रराज आदिवासी निवासी अंतर्गत थाना गौरझामर को दोषी करार देते हुए धारा 363 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा-366(क) के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी (पीडि़ता के पिता) ने 26 फरवरी 2018 को थाना गोरझामर में रिपोर्ट लेख कराई कि 25 फरवरी को वह रिश्तेदारी में गया था, घर पर उसके पिता, पत्नी तथा 16 वर्षीय बालिका थी। उसकी पत्नी ने फोन करके बताया कि बालिका/पीडि़ता बिना बताए कहीं चली गई है, जिसे आस-पास तलाश करने पर नहीं मिली, बाद में फरियादी के पिता ने बताया कि सुबह के समय इंदू उर्फ इन्द्रराज आदिवासी घर आया था और उसे डांटा था, उसके बाद करीब 12:30 बजे पीडि़ता कहीं चली गई है। पीडि़ता नाबालिग है उसे इंदू उर्फ इन्द्रराज बहला फुसलाकर कहीं भगा ले गया ऐसी शंका है। 27 फरवरी 2018 को पीडि़ता के दस्तयाव होने पर पूछताछ करने पर उसने बताया कि आरोपी इंदू उसे बहला फुसलाकर, परिवार वालों को जान से मारने की धमकी देकर जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर उसे रानगिर ले गया, जहां पुलिस आ गई और पुलिस को देखकर वह भाग गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना गौरझामर पुलिस ने धारा 363, 366क, 376, भादंवि एवं 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।