गांजे की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को दो-दो वर्ष का कारावास

न्यायालय ने आरोपियों पर 10-10 हजार जुर्माना भी लगाया

सागर, 24 मार्च। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने मोटर साइकिल से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपीगण आशीष उर्फ संतराम सिंह दांगी ठाकुर एवं अनिल तिवारी निवासी अंतर्गत थाना सुरखी को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा 20(बी)(आईआई)(बी) के तहत दो-दो वर्ष कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना सुरखी प्रभारी को 24 जून 2019 को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि रहली बम्होरी तरफ से बेरखेड़ी गुरू जाने वाले रोड पर रामकुटी ढाबा के पास वाहन मोटर साइकिल क्र. एम.पी.15 एम.ए.9374 पर दो व्यक्ति मादक पदार्थ गांजे का परिवहन कर रहे हैं। उक्त सूचना के आधार पर मुखबिर के बताए स्थान पर रवाना हुए और रामकुटी ढाबा के सामने नाकाबंदी की। नाकाबंदी के कुछ समय पश्चात रहली तरफ से एक सिल्वर कलर की प्लेटिना मोटर साइकिल क्र. एम.पी.15 एम.ए.9374 आई जिसे रोककर साक्षियों के समक्ष चैक किया। मुखबिर के बताए हुलिया अनुसार बाईक पर सवार दो व्यक्ति पाए गए थे, जिनसे नाम पता पूछने पर बाईक चालक ने अपना नाम अनिल तिवारी तथा पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम आशीष सिंह उर्फ संतराम निवासी बेरखेड़ी गुरू बताया था। मौके पर साक्षियों के समक्ष संदेहियों की विधिक कार्रवाई उपरांत तलाशी ली गई। जिसमें संदेहियों की बाईक की सीट पर रखी सफेद रंग की प्लास्टिक की बोरी जिसका मुंह पतली सुतली से बंधा हुआ था, जिसे खोलकर चैक करने पर बोरी में बड़े-बड़े सात पैकेट ऊपर से खाकी रंग की टेप चिपकी हुई पाए गए, टेप को ब्लेड से काटकर देखा गया तो अंदर नीले रंग की प्लास्टिक की थैली लिपटी पाई गई। सभी सात थैली को खोलकर देखा गया तो सभी में मटमैले रंग का नमीयुक्त मादक पदार्थ पाया गया। मौके पर उपस्थित साक्षीगण एवं थाना प्रभारी द्वारा गांजे को मसलकर सूधकर एवं जलाकर देखा तो मादक पदार्थ गांजा पाया गया। उसके पश्चात आरोपियों के पास से मिले मादक पदार्थ का तौल किया गया जो छह किलो 500 ग्राम कीमत 97 हजार 500 रुपए का होना पाया गया। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सुरखी पुलिस ने धारा 8/20 एनडीपीएस का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।