मनुष्य चिंतन को छोड़कर चिंता का जीवन जीने लगा है : विहर्ष सागर

अभूतपूर्व पावन वर्षायोग में चल रही है मुनिराजों की मंगल अमृतवाणी

ग्वालियर, 27 अगस्त। जीवन से आज मुस्कान गायब हो चुकी है, मनुष्य के जीवन में आज सब कुछ है, उसके बाद भी वह डिप्रेशन में जी रहा है। संसार में ना जाने क्या हो गया है कि हम हंसना भूल गए हैं। आज का मनुष्य चिंतन को छोड़कर चिंता का जीवन जीने लगा है। यह बात राष्ट्रसंत मुनि श्री विहर्ष सागर महाराज ने शुक्रवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। मंच पर मुनि श्री विजयेश सागर महाराज, मुनि श्री विनिबोध सागर महाराज, ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज भी मौजूद थे।
मुनि श्री विहर्ष सागर ने कहा कि ध्यान रखना अधिकांश पाप मनुष्य उदासी और क्रोध में ही करता है। हर दम मुस्कुराने वाला व्यक्ति पाप कर्मों से दूर रहता है। छोटी-छोटी बातों में उलझकर जीवन बर्वाद मत करो। ऐसा करने से जीवन का समस्त आनंद खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जानवर और इंसान में सबसे बड़ा फर्क है कि प्रकृति ने मनुष्य को हंसने का गुण दिया है और जानवर में यह गुण नहीं है। किसी इंसान को हंसते हुए नहीं देखा हो, तो समझ लेना वह जानवर के समान ही जीवन नष्ट कर रहा है।

जीवन में मन की शांति और प्रसन्नता नहीं

मुनि श्री विहर्ष सागर ने कहा कि जीवन में खुश रहना ही सुखी जीवन का सार है। जीवन में सब कुछ है परंतु मन की शांति और प्रसन्नता नहीं है तो जीवन बेकार है। मन की शांति पैसे से नहीं खरीदी जा सकती है। पैसे से मनुष्य केवल अपने साधन खरीद सकता है, खुशी नहीं। दुनिया का सबसे बड़ा आदमी वही है, जो खुश है। उन्होंने कहा कि संत-मुनि वे हैं जो समाज से अंजली भर लेते हैं और समाज को दरिया भर लौटा देते है। घर तो पशु पक्षी भी बना लेते हैं, मनुष्य को चाहिए कि वो आदर्श घर बनाए, जिस घर में परिवार के सदस्यों का एक दूसरे के प्रति प्रेम व सम्मान न हो वह घर तो हो सकता है, लेकिन आदर्श घर नहीं। यदि मनुष्य समझ ले कि जो प्राप्त है, वहीं पर्याप्त है तो वह सुखी हो जाएगा।

मुनिश्री को समाज जनों ने शास्त्र भेंटकर कराया धर्मसभा का शुभारंभ

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि धर्मसभा का शुभारंभ ब्राह्मचारिणी रीना दीदी ने मंगल चरण कर किया। धर्मसभा से पहले मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज को शास्त्र भेंट सामूहिक रूप से समाज जनों ने किया। प्रवचनों में मुनिश्री के चरणों में आगरा, दिल्ली, भिण्ड आए गुरु भक्तों ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। मुनिश्री के प्रवचन प्रतिदिन 8.30 बजे बजे से नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाल में होते हैं।