भ्रष्टाचार के मामलें में आरोपी आशुतोष वर्मा को पांच साल की सजा

लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाना एक विकराल समस्या : लोकायुक्त कोर्ट

ईशानगर, 27 अगस्त। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम श्री सुधांशु सिन्हा की अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के केस में ईशानगर उपस्वास्थ्य केन्द्र के एकाउन्टेंट आरोपी आशुतोष वर्मा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) में पांच साल की कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा-7 के अंतर्गत चार वर्ष का कारावास एवं 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से विशेष लोकअभियोजक एडीपीओ केके गौतम ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूतों को कोर्ट में पेश किया।
अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 29 जनवरी 2015 को ग्राम गौड़ा, ईशानगर की रहने वाली फरियादिया आशा सिंह ने ईशानगर उप स्वास्थ्य केन्द्र के एकाउन्टेंट आशुतोष वर्मा के खिलाफ रिश्वत मांगने के संबंध में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर को इस आशय की शिकायत की थी कि फरियादिया की भाभी पुष्पा सिंह आशा कार्यकर्ता के पद पर ग्राम गौड़ा तहसील जिला छतरपुर में पदस्थ हैं। आशा कार्यकर्ताओं के लिए 8200 रुपए साल में एक बार सामान खरीदने के लिए मिलते हैं, इसके लिए बाउचर जमा करने होते हैं। बाउचर आशुतोष वर्मा एकाउन्टेंट ईशानगर उप स्वास्थ्य केन्द्र के पास जमा होने हैं और आशुतोष वर्मा द्वारा उक्त वाउचर जमा करने के लिए एक हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है। मैं उन्हें रिश्वत नहीं देना चाहती हूं और न ही मेरी भाभी देना चाहती है। हम लोग उसे रंगे हाथों पकड़वाना चाहते है। उक्त आवेदन पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा शिकायत सत्यापन हेतु फरियादिया को डिजीटल वॉयस रिकॉर्डर प्रदाय किया जाकर एकाउटेंट आशुतोष वर्मा की रिश्वत मांग वार्ता रिकार्ड करने के लिए निर्देशित किया गया। जिस पर फरियादिया ने रिश्वत की बातें वॉयस रिकार्डर में रिकार्ड की। इसके पश्चात लोकायुक्त पुलिस संपूर्ण ट्रेप दल के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ईशानगर पहुंची और फरियादिया ने आशुतोष वर्मा एकाउन्टेंट के कक्ष में जाकर उसे 500 रुपए रिश्वत की राशि दी। उसी समय लोकायुक्त पुलिस आशुतोष वर्मा के कक्ष में पहुंच गई और उसे अपने घेरे में ले लिया तथा आशुतोष वर्मा से रिश्वत राशि के संबंध में पूछने पर उसने बताया कि ये रिश्वत राशि फरियादिया से ग्रहण कर अपने पेंट की दाहिनी जेब में रख ली है जिसे लोकायुक्त पुलिस द्वारा आशुतोष वर्मा से जब्त किया गया। लोकायुक्त पुलिस द्वारा आवश्यक विवचेना करने के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। विचारण उपरांत न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई है।