विदिशा, 27 अगस्त। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विदिशा सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी के न्यायालय ने अवयस्क बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी छोटू अहिरवार उर्फ शिवराज पुत्र मोहन सिंह राजपूत को धारा 363, 366, 376(1), 506 भाग-2, 323 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 3 सहपठित धारा 4(1) मेें जमानत निरस्त कर दी है। उक्त मामले में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती प्रतिभा गौतम ने जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ा विरोध किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी जिला विदिशा सुश्री गार्गी झा के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि 27 मई 2021 के रात्रि करीब एक बजे आरोपी शिवराज राजपूत उर्फ छोटू व उसके साथी अभियोक्त्री को मोटर साइकिल पर बिठाकर उदयगिरी की तरफ ले गए थे तथा वहां पर आरोपी शिवराज राजपूत ने अभियोक्त्री की बेल्ट से मारपीट की तथा उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया था। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना कोतवाली में लेखबद्ध कराई गई थी। रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा आरोपी छोटू अहिरवार उर्फ शिवराज की ओर से जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे न्यायालय ने आरोपी के कृत्य की गंभीरता एवं प्रकरण की परिस्थितियों एवं महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए योन अपराधों को देखते हुए आरोपी छोटू अहिरवार उर्फ शिवराज का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है।