सागर, 08 फरवरी। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी आनंद अहिरवार निवासी अंतर्गत थाना केंट को दोषी करार देते हुए धारा 450 भादंवि में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है पीडि़ता की मां ने पुलिस थाना केंट में रिपोर्ट लेख कराई कि 30 जून 2020 को करीब 11 बजे वह और उसके पति दोनों अपने गांव काम से गए थे, उसके दोनों बच्चे घर पर थे। दोपहर करीब 1:30 बजे उसकी बेटी (पीडि़ता) का फोन आया, वह रोने लगी और बोली मम्मी जल्दी घर आ जाओ, उसे बचा लो, आनंद भैया अपने घर के अंदर आ गए हैं और उसके साथ गंदी हरकत कर रहे हैं, तब वह तुरंत अपने पति के साथ घर के लिए निकल आई। घर पहुंचकर बेटी (पीडि़ता) से सारी बात पूछी तो उसने बताया कि करीब 12:30 बजे जब वह घर पर थी, तो अभियुक्त आनंद आया और उससे बोले मम्मी पापा कहां है, उसने बोला कि गांव गए हैं तो अभियुक्त आनंद ने घर के दरवाजे लगा दिए और उसके साथ गलत हरकत करने लगा। वह चिल्लाने लगी तो अभियुक्त आनंद ने उसका मुंह दबा दिया और बोला कि मम्मी की कसम है, मम्मी को मत बताना नहीं तो मम्मी को मार दूंगा। फिर उसने घर में पड़ा चाकू अभियुक्त आनंद के ऊपर उठाया और बोली कि घर से चले जाओ नहीं तो वह पुलिस को बुलाएगी, फिर अभियुक्त आनंद चला गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विचेना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केंट पुलिस ने अभियुक्त आनंद अहिरवार के विरुद्ध अपराध भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 450, 376(एबी), 376(एबी)/511, 354(ए)(प), 354, 506(भाग-2) व पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 9(उ)/ 10, 5(उ)/10 के तहत दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।