बालक सार्थक हुआ शिवांश

– अपर जिला मजिस्ट्रेट पाण्डेय ने जारी किया अंतिम दत्तक ग्रहण आदेश

भिण्ड, 09 सितम्बर। जिला अंतर्गत 12 नवंबर 2024 को बालक लावार्रिस अवस्था में प्राप्त हुआ था, जिसको जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संरक्षण में लिया जाकर बाल कल्याण समिति भिण्ड के माध्यम से विशेषज्ञ दत्तक एजेंसी लहार में प्रवेश दिलाया गया, जहां बालक को सार्थक नाम दिया गया।
बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने बताया कि बालक के परिजन अथवा परिवार का पता लगाने के लिए बालक के संबंध में एक विज्ञप्ति व्यापक प्रसार वाले समाचार पत्र में प्रकाशित की गई और एक महीने का निर्धारित प्रतीक्षा समय का इंतजार किया गया भारत शासन की अभिशाषी दत्तकग्रहण के मार्गदर्शी सिद्धांत के प्रावधान अनुसार विज्ञप्ति जारी होने के एक माह पश्चात तक बालक के जैविक संरक्षक जैविक माता-पिता अथवा अन्य संरक्षक का पता न होने की स्थिति में प्रावधान अनुसार बाल कल्याण समिति बालक को दत्तक ग्रहण के लिए विधिक तौर पर स्वतंत्र घोषित करती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी पवन तिवारी ने बताया कि निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर बालक को बाल कल्याण समिति भिण्ड के माध्यम से लीगल फ्री कराया गया, लीगल फ्री होने के उपरांत कारा पोर्टल पर भावी दत्तक माता-पिता द्वारा बालक को रिजर्व किया गया। संभावित माता-पिता अच्छे काश्तकार भू-स्वामी हैं और स्वयं का व्यवसाय है। बालक रिजर्व होने के उपरांत जिला कार्यक्रम अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय दत्तक ग्रहण समिति में मैच मेकिंग की कार्रवाई संपूर्ण कराई गई और 11 जुलाई को बालक को प्री अडॉप्शन पर दिया गया।
प्री एडॉप्शन की प्रक्रिया के पश्चात अंतिम दत्तक ग्रहण के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा समस्त आवश्यक दस्तावेज एवं कारा से प्राप्त डोजीयर का पूर्ण परीक्षण कर अपर जिला दण्डाधिकारी भिण्ड के समक्ष भावी दत्तक माता-पिता के साक्षातकार हेतु समय नियत करने का अनुरोध किया गया, जिसमें अपर जिला मजिस्ट्रेट एलके पाण्डेय ने 9 सितंबर की तिथि नियत की। आज संभावित माता-पिता बालक के साथ उपस्थित हुए, अपर जिला मजिस्ट्रेट ने बालक और उसके दत्तक परिजन के साथ विस्तार से चर्चा की, बालक के ग्रोथ विकास, स्वास्थ के संबंध में जानकारी ली, बालक के भविष्य के संबंध में भावी दत्तक माता-पिता के विचार को जाना और संतुष्टि के पश्चात अंतिम दत्तक ग्रहण आदेश पर हस्ताक्षर किए।
संभावित माता-पिता ने बालक का नाम सार्थक की जगह शिवांश रखने का अनुरोध किया, जिसे अपर जिला मजिस्ट्रेट ने स्वीकार कर लिया और दत्तक ग्रहण आदेश में सुझाए गए बालक के नाम शिवांश के आधार पर आदेश जारी किया और भविष्य में बालक का जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज शिवांश नाम से ही जारी किए जाएंगे। इसके पश्चात भावी माता-पिता ने अपर कलेक्टर, जिला कार्यक्रम अधिकारी और समस्त प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अनुरोधपूर्वक कहा कि इस प्रक्रिया से उनका परिवार अब पूर्ण हो गया है और प्रसन्नता न केवल परिजन अपितु बालक के चेहरे पर भी स्पष्ट देखी जा सकती है।
अपर जिला मजिस्ट्रेट एलके पाण्डेय ने स्पष्ट किया कि दत्तक ग्रहण की केवल यही एक वैधानिक प्रक्रिया है, अन्य किसी माध्यम से दत्तकग्रहण कानूनी रूप से गलत है और पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी, कारा पर पंजीयन और दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया सामान्यत: थोड़ी लंबी जरूर है किंतु यही एक वैधानिक प्रक्रिया है अन्य किसी माध्यम से दत्तकग्रहण ना करें।