नाबालिगा से दुष्कर्म कर नृशंस हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

अंधे कत्ल के जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में कोई चश्दीद साक्षी नहीं था
डीएनए रिपोर्ट एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर हुई सजा

सागर, 31 दिसम्बर। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) जिला सागर सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने अंधे कत्ल के जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में नाबालिगा से दुष्कर्म कर उसकी नृशंस हत्या करने वाले आरोपी अमान पुत्र घनश्याम पटैल निवासी थाना अंतर्गत सुरखी को दोषी करार देते हुए धारा 376(1), 302 भादंवि, 5क्यू/6, 5आर/6 पाक्सो एक्ट, अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(अ) के तहत आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि फरियादी मृतिका के पिता ने थाना चौकी बिलहरा में रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी लड़की को काई व्यक्ति बहला फुसलाकर ले गया है एवं अमान पटैल नामक व्यक्ति द्वारा उसकी लड़की को भगा ले जाने का संदेह व्यक्त किया। अपहर्ता लड़की के विस्तर के नीचे से एक पत्र मिला, जिसमें उसकी लड़की ने आरोपी अमान पटैल के साथ घर जाने के संबंध में लेख किया था। आरोपी अमान पटैल को दस्तयाब कर पूछताछ करने पर अपहर्ता लड़की को भगा ले जाना एवं अपने साथी प्रीतम पटैल के साथ मिलकर बारी-बारी से दुष्कर्म करना एवं कुल्हाड़ी मारकर लड़की की हत्या करना एवं उसके शव को पहाड़ी पर छिपा देना बताया। आरोपी की निशानदेही पर मृतिका का शव बरामद किया गया एवं घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी को जब्त कराया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर चौकी बिलहरा जिला सागर पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 452, 354, 294, 323(दो शीर्ष), 506(भाग-2), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 9(उ)/10(दो शीर्ष) का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। प्रकरण में कोई चश्मदीद साक्षी नहीं था एवं प्रकरण परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा परिस्थतियों की श्रृंखला को जोड़ एवं वैज्ञानिक साक्ष्य डीएनए रिपोर्ट के आधार पर विधिवत रूप से अभियोजन मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया।
यहां उल्लेखनीय है कि मृतिका पांच माह से गर्भ से थी और आरोपी द्वारा मृतिका के साथ दुष्कर्म कर बर्बरतापूर्वक पीडि़ता का चेहरा कुचलकर हत्या कारित की गई थी एवं उसके कपड़ों को जलाकर साक्ष्य छुपाया गया था। जहां विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त अमान पटैल को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है। प्रकरण की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी सुर्खी आरपी कुसमाकर एवं सीएसपी रवि चौहान द्वारा की गई एवं प्रकरण के निराकरण में आरक्षक क्र.1791 पवन पटैल एवं आरक्षक क्र.252 रामरमन कुर्मी द्वारा विचारण के दौरान विशेष सहयोग प्रदान किया गया।