आरोपी ने एफएम रेडियो को विस्फोटक बम बनाकर पार्सल द्वारा फरियादी के घर भेजकर की थी उसके डॉक्टर पुत्र की हत्या
सागर, 31 दिसम्बर। द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्री शिवबालक साहू की अदालत ने सागर के बहुचर्चित मामले में षडय़ंत्र पूर्वक जिलेटिन रॉड डेटोनेटर पटाखा की बारूद से एफएम रेडियो को विस्फोटक बनाकर उसे पार्सल द्वारा फरियादी के घर उसे जान से मारने की नियत से भेजकर उसके डॉक्टर पुत्र की हत्या एवं अन्य दो आहतगण को गंभीर उपहति कारित करने वाले आरोपी हेमंत उर्फ आशीष साहू को दोषी करार देते हुए धारा 302 भादंसं के तहत आजीवन कारावास कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 307 भादंवि में 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 436 भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 03 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, आरोपीगण मूलचंद, सुनील एवं राजकुमार को धारा-302 भादंवि में आजीवन कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 307 भादंवि में 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 436 भादंवि में दो वर्ष सश्रम कारावास तथा दो हजार रुपए अर्थदण्ड एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 06 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है। एक अन्य आरोपी राजेश पटैल को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है। मामले की पैरवी वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 25 जनवरी 2018 को फरियादी केके दीक्षित ने एक लिखित आवेदन पेश किया कि 24 जनवरी 2018 को मेरे सहायक अधीक्षक ने मेरे नाम का एक पार्सल प्राप्त कर ड्राईवर के माध्यम से मेरे घर सुबह करीब 11 बजे भेजा था। पार्सल 23 जनवरी 2018 को बुक किया गया था, जिसे खोलकर देखने पर उसमे एक नीले रंग का एफएम रेडिया था, जिसे घर पर रख दिया था और शासकीय कार्य से बाहर चला गया था। 25 जनवरी 2018 को सुबह 9:30 बजे मैं अपने मकान की तीसरी मंजिल पर था, दूसरी मंजिल पर मेरा पुत्र रीतेश और रिश्तेदार विजय और देवसिंह थे, पुत्र द्वारा एफएम रेडियो को चालू करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड से कनेक्ट किया तभी एमएम रेडियो में जोरदार धमाके के साथ विस्फोट हो गया जिससे मेरा पुत्र रीतेश और रिश्तेदार गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनको मैं पड़ोसियों की मदद से इलाज के लिए सागर के श्री अस्पताल ले गया। आवेदन पत्र पर से अस्पताल में देहाती नालसी लेख कराई गई, जिस पर से थाना पदमाकर पुलिस ने अज्ञात आरोपीगण के विरुद्ध धारा 307 भादंवि एवं 3/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम लेख अपराध पंजीबद्ध किया। थाना पदमाकर में असल अपराध 30/18 पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। घटना स्थल से गत्ते के टुकड़े पार्सल पैकिंग का पता लिखा कपड़ा, पार्सल पैंकिंग जिसमें पता एवं चार मिनिट सुनकर स्नेह आशीर्वाद प्रदान करें लिखा था एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किए गए। घटना स्थल से एफएसएल की टीम और फिंगर प्रिंट टीम द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित की गई। फरियादी के घर भेजा गया पार्सल सिटी पोस्ट ऑफिस नमक मण्डी से भेजा था, जहां से पोस्ट ऑफिस का रिकार्ड जब्त किया गया, वहां लगे सीसीटीव्ही फुटेज के आधार पर संदेही बबलू लुहार से पूछताछ की गई तथा उससे प्राप्त जानकारी के आधार पर अन्य आरोपी हेमंत उर्फ आशीष साहू एवं राजेश से पूछताछ की गई, पूछताछ के दौरान हेमंत ने बताया कि उसको गबन के मामले में फसाए जाने की बुराई के कारण केके दीक्षित को जान से मारने की नियत से बाजार से एफएम रेडियो, बारूद, छर्रे खरीद कर राजकुमार लोधी के माध्यम से सुनील साहू से डेटोनेटर एवं जिलेटिन राड प्राप्त कर रेडियो का मटीरियल अलग कर उसमेें उक्त सभी सामग्री रख उसे बम बनाकर पार्सल के द्वारा राजेश एवं बबलू के माध्यम से सिटी पोस्ट ऑफिस से बुक कराकर फरियादी के घर भेजा गया था, विवेचना के दौरान सभी आरोपीगण से पूछताछ की गई। हेमंत से एफएम रेडियो मोबाइल फोन और गूगल में सर्च कर बम बनाने हेतु सर्किट डायग्राम जब्त किया गया, अन्य आरोपियों से मेमोरेण्डम जब्ती की कार्रवाई की गई एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर विवेचना उपरांत थाना पदमाकर पुलिस ने धारा 302, 120बी, 201, 436, 307 भादंसं एव ंविस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-06 व 3/4 के तहत आरोपीगण के अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा 45 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया व करीब 125 दस्तावेजों को प्रदर्शित कराया गया एवं अन्य सामग्री व संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। बहस के दौरान महत्वपूर्ण तर्क एवं न्यायिक दृष्टांत प्रस्तु किए गए, जहां विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्री शिवबालक साहू की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।