न्यायालय ने आरोपियों पर कुल 14 हजार का जुर्माना भी लगाया
सागर, 21 नवम्बर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्री शिवबालक साहू की अदालत ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर सेना भर्ती में नौकरी पाने वाले आरोपीगण को दोषी करार देते हुए धारा 420 भादंवि में दो वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 467 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 468 में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 471 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक आशीष चतुर्वेदी ने की।
जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 14 जुलाई 2016 को सूबेदार कानसिंह राजपूत ने थाना केन्ट में एक शिकायत आवेदन पेश किया कि मुकेश कुमार, मंदीप सिंह, अजय और लोकेश कुमार द्वारा फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर आर्मी में नौकरी प्राप्त की गई है। आवेदन के आधार पर थाना केन्ट में अपराध क्र.313/16 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी का अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान सूबेदार कान सिंह तथा साक्षी लखविंदर सिंह, राकेश मौर्य के कथन लेख किए गए, जिसमें यह पाया गया कि आरोपीगण द्वारा फर्जी दस्तावेज रहदारी फार्म, मेडीकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर ट्रेनिंग बटालियन महार रेजीमेंट में भर्ती होने का प्रयास किया गया। यह फर्जी दस्तावेज आरोपियों ने दिल्ली स्टेशन से प्राप्त कर सागर महार रेजीमेंट में पेश किए। आरोपी गिरीराज से भी पूछताछ की गई, जिसमें उसने बताया कि 24 जून 2016 को रेल्वे स्टेशन दिल्ली में आरोपीगण जो मेरे रिश्तेदार हैं, जिनसे आर्मी में भर्ती के लिए पांच-पांच लाख रुपए लिए थे एवं रहदारी फार्म तथा मेडीकल फार्म लेकर महार रेजीमेंट में आमद देने भेजा था, जो पैसा इन आरोपियों से लिया था, वह अपने निजी उपयोग में खर्च कर लिया। विवेचना के दौरान आरोपीगण के कूटरचित रहदारी फार्म प्राइमरी मेडीकल एक्जामिनेशन फार्म जब्त किए गए, जिनका मिलान सेना द्वारा दिए गए असली रहदारी प्रमाण-पत्र एवं मेडीकल फार्म से किया गया तो आरोपियों द्वारा दिए गए दस्तावेज फर्जी निकले। आरोपीगण के संबंध में पत्र व्यवहार कर आईआरओ दिल्ली केन्ट 10 से जानकारी प्राप्त की गई, जिनमें आरोपीगण का किसी प्रकार का चयन सेना में नहीं किए जाने संबंधी लिखित जानकारी पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई थी तथा आरोपियों द्वारा प्रस्तुत रहदारी फार्म मेडीकल एक्जामिनेशन फार्म का फर्जी होना बताया गया, जिसके आधार पर आरोपीगण के विरुद्ध धारा 420, 467,468,471,120बी भादंवि का चालान न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत द्वितीय अपर सत्र न्यायधीश जिला सागर श्री शिवबालक साहू के न्यायालय ने आरोपीगण को धारा 420 भादंवि में दो वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 467 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 468 में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 471 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।