नाबालिगा को उठाकर ले जाने का प्रयास करने वाले आरोपी को पांच साल का कारावास

सागर, 03 सितम्बर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/ तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती नीलम शुक्ला के न्यायालय ने नाबालिग बालिका को बुरी नियत से उठाकर ले जाने का प्रयास करने वाले अभियुक्त सुनील पुत्र घंटीलाल रैकवार उम्र 21 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत देवरी, जिला सागर को भादंवि, पॉक्सो एक्ट व एससी/ एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास व जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन ने की।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार मामला इस प्रकार है कि अभियोक्त्री की मां ने थाना देवरी में शिकायत की कि 29 सितंबर 2018 को रात करीब आठ बजे बालिका अपने परिवार के साथ खाना खाकर आंगन में सो रही थी, रात करीब दो बजे बालिका के चिल्लाने की आवाज आई तो वह तथा उसके पति उठ गए। अभियुक्त सुनील रैकवार नाबालिग बालिका को बुरी नियत से उठाकर ले जा रहा था, उसके पति ने टार्च चालू की तो अभियुक्त बालिका को आंगन में छोड़कर भाग गया। आवाज सुनकर पड़ोसी आ गए, जिन्हें बालिका की मां ने घटना के बारे में बताया। बालिका की मां की उक्त मौखिक शिकायत के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध भादंवि, पॉक्सो एक्ट व एससी/ एसटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचन में लिया गया। विवेचना के दौरान बालिका का मेडीकल परीक्षण कराया गया। घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। बालिका के धारा 161 व 164 दंप्रसं के तहत कथन लिए गए तथा अन्य साक्षीगण के कथन लेखबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना, अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित पाए जाने पर न्यायालय ने अभियुक्त सुनील रैकवार को धारा 363 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास, धारा 354 भादंवि के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास, पॉक्सो एक्ट की धारा 9/10 के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास तथा एससी/ एसटी एक्ट की धारा 3(1)(2)(1) के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास तथा धारा 3(2)(1ए) के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास व जुर्माने का दण्डादेश पारित किया है।