बबेङ़ी में बासंती काव्य दोपहरी का हुआ आयोजन

भिण्ड, 09 फरवरी। विकास खण्ड के ग्राम बबेङ़ी में स्थित प्राचीन बूढ़े हनुमान मन्दिर परिसर में काव्य मंजूषा साहित्य बल्लरी इकाई भिण्ड के तत्वावधान में इंदौर से ओज कवयित्री श्रीमती प्रतिमा सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं वरिष्ठ समाजसेवी नृपति सिंह राजावत की अध्यक्षता में विगत दिवस आयोजित बासंती काव्य दोपहरी आयोजित की गई। संचालन संचालन अंजुम मनोहर ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। कवि सतेन्द्र सिंह कुशवाह ने बासंती बयार को कुछ यूं व्यक्त किया-समय सबका बदलता है, सदा ही एक सा नहीं रहता। सदा खुशियां नहीं रहती, सदा मातम नहीं रहता। हाल ही में निराला स्मृति से अलंकृत कवि दशरथ सिंह कुशवाह ने कहा कि आओ-आओ अपने मन का मैल छिपाओ, जीवन सफल बनाओ। संचालन कर रहे कवि अंजुम मनोहर ने गौमाता की दुर्दशा का मार्मिक चित्रण करते हुए कहा कि घूमा ऐसा वक्त का पहिया देखो भूखों मरती गईया। खाकर कचरा गुजर कर रहीं, आओगे कब कृष्ण-कन्हैया। ओज कवयित्री श्रीमती प्रतिमा सिंह ने वर्तमान परिवेश पर वीरांगना होने का परिचय देते हुए कहा-मैं श्रंृगार लिखूंगी लेकिन वातावरण बदलने दो। अभी देश में हलचल हैं, मुझको अंगार उगलने दो।
कार्यक्रम में आयोजक कोकसिंह कुशवाह के अलावा समुदाय के महेश सिंह, शंभूसिंह, शत्रुघ्न सिंह, भूरेसिंह, सुजान सिंह, सरदार सिंह, नवल सिंह, भानुप्रताप श्रीवास्तव, पुरुषोत्तम सिंह, मुन्नासिंह, मुकुट सिद्ध, सरमन सिंह, बृजेन्द्र सिंह, कोकसिंह एवं हरनारायण शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। अंत में स्वर कोकिला स्व. लता मंगेशकर के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हुए श्रृद्धांजलि अर्पित की गई।