नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल का कारावास

सागर, 14 जनवरी। अपर सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर श्री डीपी सिंह सिवाच के न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी दिनेश पुत्र मोहन गौड़ उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम कंजेरा, थाना देवरी, जिला सागर को लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 में 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड एवं धारा 363 भादंसं में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए का अर्थदण्ड एवं 366-क भादंसं में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदण्ड एवं धारा 343 भादंवि में छह माह का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/ वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा।
मीडिया प्रभारी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना देवरी में 18 मार्च 2019 को अभियोक्त्री की मां द्वारा अभियोक्त्री के गुम होने के संबंध में रिपोर्ट लेख कराई गई थी, जिसकी जांच के दौरान एक अप्रैल 2019 को अभियोक्त्री को राहतगढ़ बस स्टैण्ड पर दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा तैयार किया गया। जिसके पश्चात अभियोक्त्री के कथन लिए जाकर जांच के दौरान यह ज्ञात हुआ कि आरोपी दिनेश गौड़ अभियोक्त्री को जब उसके परिवार वाले घर पर नहीं थे, यह कहकर कि वह काम से बाहर जा रहा है घर पर उसकी पत्नी अकेली है, उसके पास रहना तथा बाद में अभियोक्त्री को शादी का प्रलोभन देकर कपड़े एवं गहने दिलाने का कहकर जबरदस्ती भगाकर भोपाल ले गया। जहां पर एक कमरे में बंद कर रखा और लगातार अभियोक्त्री के साथ बलात्संग कारित किया। जिसके पश्चात पैसे खत्म होने पर अभियोक्त्री को बस में बैठाकर भेज दिया। जहां राहतगढ़ बस स्टैण्ड से अभियोक्त्री को पकड़कर उक्त प्रकरण को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी दिनेश को लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 में 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 363 भादंसं में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं 366-क भादंसं में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदण्ड एवं धारा 343 भादंवि में छह माह का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का आदेश दिया है।