सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त : अनुप्रिया

शिवशक्ति दुर्गा माता पीठ गोविन्दपुरी में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन

ग्वालियर, 07 जनवरी। गोविन्द पुरी स्थित शिवशक्ति दुर्गा माता पीठ पर चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का शुक्रवार को सुदामा चरित्र के साथ समापन हो गया। शनिवार को हवन के साथ भण्डारा का आयोजन होगा। कथा व्यास अनुप्रिया देवी ने अंतिम दिन सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया।
कथा व्यास अनुप्रिया देवी ने कहा कि सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रृद्धालु भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण ने मिलने आए तो उन्होंने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए। अगर सच्चा मित्र है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होना चाहिए। जीवन में मनुष्य को श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए।


सुदामा का चरित्र नन्हे बालक अभिप्राय दुबे ने खूबसूरत निभाया। इसके बाद श्रृद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया। वहां उपस्थित सैंकड़ों श्रृद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ श्रीमद् भागवत कथा की विदाई की। इस अवसर पर आरती सतेन्द्र सिंह सेंगर ने की, उन्होंने कहा कि शिवशक्ति दुर्गा माता पीठ में पूरे वर्ष धार्मिक आयोजन होंगे। वहीं भागवत कथा में राजीव चौहान को पारीक्षत बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भागवत कथा में व्यास पीठ की पूजा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पं. कमल किशोर मुदगल, रामप्रकाश शर्मा ने कराई। भागवत कथा समापन में आभार आयोजनकर्ता गायत्री शर्मा ने व्यक्त किया।

भजन कीर्तन के साथ नृत्य के झूम उठा पंडाल

कथा सुनने आए श्रृद्धालुओं ने भक्ति रस का पान किया। समापन पर कथा व्यास अनुप्रिया ने एक से बढ़ाकर एक खूबसूरत भजन गाये, जिन्हें सुनकर श्रृद्धालु झूमने को मजबूर हो गए। इस दौरान भजनों को संगीतमय माहौल बनाने में श्याम म्यूजिकल ग्रुप के दिलीप शर्मा, आनंद उपाध्याय, हेमंत नागर ने साथ दिया। कथा पण्डाल में सजाई गई आकर्षक झांकी ने सभी का मनमोह लिया।