बालक के साथ दुष्कर्म करने वाले मित्र को 10 वर्ष की सजा

ग्वालियर, 23 मई। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं त्रयोदशम अपर सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर श्रीमती वन्दना राज पाण्डेय के न्यायालय ने बालक के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी विकास जाटव उम्र 22 साल निवासी ग्राम सैवई, थाना करहिया, पूर्व निवासी कचरा फैक्ट्री के पास सरकारी मल्टी गुढीगुढा का नाका, थाना कम्पू जिला-ग्वालियर को धारा 323, 506 (भाग-दो) भादंसं एवं धारा 3/4(1) पॉक्सो एक्ट में क्रमश: एक वर्ष, दो वर्ष, 10 वर्ष एवं 200-200 रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि कि पीडित बालक ने 27 मार्च 2023 को अभियुक्त के विरुद्ध थाना कम्पू में एक लेखीय आवेदन पेश किया कि वह कक्षा आठवीं में शा. उमावि में पढता है। उसकी इस्टाग्राम के जरिए अभियुक्त से दोस्ती हो गई थी, वह लोग साथ में मन्दिर एवं अन्य स्थानों पर घूमने जाया करते थे तथा अभियुक्त का उसके घर पर भी आना जाना था। 26 मार्च 2023 को शाम करीब 5-6 बजे के बीच अभियुक्त ने उसे फोन करके कहा कि तू उसके घर आ जा, उसके घर पर कोई नहीं है तो उसने मना कर दिया, तो अभियुक्त बोला कि वह घर पर अकेला है उसे अच्छा नहीं लग रहा है, तो उसने अभियुक्त से बोला कि तुम उसकी मम्मी से बात कर लो, तब विकास ने उसकी मां से बात की और फिर वह अभियुक्त के घर चला गया, जैसे ही वह अभियुक्त के घर पहुंचा तो विकास खाने के लिए पास्ता बनाने लगा और वह टीवी देखते सो गया, जब उसकी नींद खुली तो उसने देखा कि उसके दोनों हाथ पीछे से बंधे हुए थे, तब उसने विकास से बोला कि उसके हाथ खोल दे उसे घर जाना है, तो विकास ने उसके कपडे उतार दिए व उसके दोनों पैर भी बांध दिए, उसने चिल्लाने की कोशिश की तो उसने टीवी की आवाज बढा दी और लोहे का सरिया दिखा कर बोला कि अगर तू चिल्लाया तो जान से खत्म कर देगा, जैसा बोल रहा हूं चुपचाप वैसा करता चल। फिर विकास ने जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया। बालक ने आरोपी के चंगुल से छूटने की कोशिश की तो आरोपी ने उसके साथ लात घूंसों से मारपीट की और जोर जोर से रोने लगा, तो विकास ने उसके हाथ पैर खोल दिए। तब वह किसी तरह मौका देखकर उसे धक्का देकर वहां से भाग गया और घर जाकर उसके परिजनों को सारी घटना बताई, फिर उसने रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को सजा सुनाई है।
प्रकरण में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि विचारण न्यायालय द्वारा पीडित बालक को मप्र में लागू पीडित प्रतिकर योजना 2015 के प्रावधान अनुसार पीडित बालक को कारित शारीरिक और मानसिक क्षति तथा पुनर्वास के लिए एक लाख रुपए प्रतिकर दिलाए जाने की सिफारिश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर को की जाती है।