आरटीआई जानकारी न देने पर प्रदर्शन की चेतावनी
भिण्ड, 17 दिसम्बर। जल संसाधन विभाग गोहद में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर गहरी नाराजगी सामने आ रही है। विभागीय कार्यपालन यंत्री श्री अंजुल दोहरे के तानाशाही रवैये के कारण सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी पिछले छह महीनों से लंबित है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि नहरों के रखरखाव और अन्य कार्यों में शासन द्वारा आवंटित लाखों रुपए की राशि का दुरुपयोग वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब वे स्वयं जानकारी प्राप्त करने के लिए कार्यालय पहुंचे, तो कार्यपालन यंत्री कार्यालय पर उपस्थित नहीं मिले। साथ ही, सूचना न देने के संबंध में प्रथम अपीलीय अधिकारी, अधीक्षण यंत्री राजेश चतुर्वेदी द्वारा भी निर्देश दिए गए थे, फिर भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। आरोप है कि जल संसाधन विभाग के अंतर्गत 2019 से 2024 के बीच शासन द्वारा आवंटित करोडों रुपए का बंदरबांट किया गया है और यदि आरटीआई के माध्यम से जानकारी सार्वजनिक हो जाए तो एक बडा घोटाला उजागर हो सकता है। इसके अलावा, उप यंत्री हरदैनिया के खिलाफ 2020-21 के करोडों रुपये के घोटाले की जांच भोपाल के आदेश पर चल रही है, जिसके कारण उन्हें हटाया भी गया था। बावजूद इसके, मिलीभगत के चलते उन्हें दोबारा जिम्मेदारी सौंप दी गई है। आरोप है कि जांच पूरी होने की स्थिति में कई अधिकारियों को जेल जाना पड सकता है। शिकायतकर्ता ने कहा कि मुख्य अभियंता जल संसाधन यमुना कछार ग्वालियर को शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है, और जांच कमेटी का गठन भी हो चुका है। हालांकि, जांच अधिकारी राजेश चतुर्वेदी अब तक जांच के लिए नहीं पहुंचे हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि विभागीय गाडियों का नियम विरुद्ध दुरुपयोग किया जा रहा है, जो शासन के नियमों का उल्लंघन है।
आंदोलन की चेतावनी
शिकायतकर्ता ने मीडिया के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को अपील करते हुए चेतावनी दी है कि यदि 10 दिनों के भीतर कार्यपालन यंत्री अंजुल दोहरे को उनके पद से नहीं हटाया गया और गंभीर बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच शुरू नहीं की गई, तो आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों की होगी। शिकायतकर्ता ने आरटीआई से जुडे महत्वपूर्ण बिंदुओं को संलग्न कर जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का पर्दाफाश हो सके।