आलमपुर में अतिक्रमण हटाने की हुई कार्रवाई, कई घरों के सामने चली जेसीबी

भिण्ड, 29 अक्टूबर। नगर परिषद आलमपुर ने शनिवार को कस्बे में देभई चौराहे से देभई की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान देभई रोड पर बने करीब दो दर्जन मकानों के सामने से जेसीबी मशीन के माध्यम से अस्थाई एवं स्थाई अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध भी किया। लेकिन नाले के बाहर अतिक्रमण किए किसी भी व्यक्ति की नहीं सुनी गई और नगर परिषद अमला अपने काम में लगा रहा।


बताया जा रहा है कि देभई चौराहे से देभई की ओर जाने वाली सड़क के किनारे निवास करने वाले करीब दो दर्जन लोगों ने पानी निकासी के लिए बने नाले पर पटाव कर नाले के बाहर पड़ी जमीन पर करीब दस फीट से लेकर बीस फीट की दूरी तक अस्थाई एवं स्थाई अतिक्रमण कर लिया था। यहां तक कि अधिकांश लोगों ने नाले पर चबूतरा तक बना लिए थे। और तो और कुछ लोग तो नाले के ऊपर चबूतरा बनाकर टीनशेड भी लगबा चुके थे। जिससे नाले की साफ सफाई नहीं हो पाती थी। स्थिति यह निर्मित हो गई थी कि पानी निकासी के लिए बना नाला कीचड़ से लबालब भर चुका था और नाले का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता था। जिससे लोगों को निकलने में भारी परेशानी होती थी। लोगों की इस महत्वपूर्ण परेशानी को देखते हुए नगर परिषद आलमपुर ने शनिवार को देभई चौराहे से देभई की ओर जाने वाली सड़क के किनारे निवास करने वाले करीब दो दर्जन मकानों के सामने से पुलिस बल की मौजूदगी में अस्थाई एवं स्थाई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कई लोगों द्वारा घरों के सामने नाले के बाहर बनाए गए कच्चे-पक्के चबूतरा, टीनशेड, छान-छप्परों एवं बाउण्ड्री इत्यादि को हटाने की कार्रवाई की गई। अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई के दौरान मौके पर लोगों की जबरदस्त भीड़ देखी गई।

हरे-भरे पेड़ भी उखाड़ फैंके

देभई रोड पर निवास करने वाले कुछ लोगों ने नाले के बाहर अपने घरों के सामने छाया के लिए पेड़ लगा लिए थे। जो करीब 15 से 20 ऊंचाई तक पहुंच चुके थे। लेकिन नगर परिषद आलमपुर के अमले ने अतिक्रमण हटाने के दौरान हरे-भरे पेड़ भी उखाड़कर फिकबा दिए। प्रदेश सरकार एक ओर पौधारोपण कार्यक्रम चलाकर लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं नगर परिषद आलमपुर के अमले ने अतिक्रमण हटाने के दौरान कई हरे-भरे पेड़ों को भी नष्ट कर दिया। जिसकी कस्बे के लोगों द्वारा आलोचना की जा रही है।