ब्याज के लिए प्रताडि़त करने वाले पांच आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का कारावास

न्यायालय ने आरोपियों पर 25 हजार का अर्थदण्ड भी लगाया

शाजापुर, 03 जनवरी। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शुजालपुर के न्यायालय ने ब्याज के लिए प्रताडि़त करने वाले आरोपीगण आरोपीगण विष्णु पुत्र मंशाराम परमार उम्र 38 साल, धर्मेन्द्र पुत्र खन्नू सिंह चौहान उम्र 42 साल, सुनील पुत्र बाबूलाल परमार उम्र 40 साल, शरद पुत्र हीरालाल परमार उम्र 36 साल, मुकेश वैद्य पुत्र रामचन्द्र उम्र 55 साल को धारा 506 भादवि में तीन-तीन वर्ष का कारावास एवं 25 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से उपसंचालक ‘अभियोजनÓ शाजापुर सुश्री प्रेमलता सोलंकी के मार्गदर्शन में पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी शुजालपुर संजय मोरे एवं एडीपीओ कमल सिंह गोयल ने की।
सहायक जिला मीडिया प्रभारी/ अतिरिक्त डीपीओ शुजालपुर संजय मोरे ने बताया कि 15 अगस्त 2017 को मजरूह दीपक पुत्र रामदास रायकवार उम्र 35 साल निवासी फ्रीगंज शुजालपुर मण्डी द्वारा सल्फास गोली खाने के संबंध में एक तहरीर जांच हेतु प्राप्त हुई। जिसकी जांच के दौरान मरहूम दीपक के कथन लिए गए। जिसमें उसने बताया कि वह कर्जे वालों से काफी परेशान है एवं कर्जे वाले आए दिन उसके घर पर आकर मारपीट कर प्रताडि़त करते थे। उसने अपने कथन में बताया कि उसके द्वारा आरोपी शरद से 60 हजार रुपए, आरोपी मुकेश से 20 हजार रुपए लिए जिसमें से 60 हजार रुपए वह उन्हें दे चुका है। आरोपी धर्मेन्द्र तथा सुनील से 10-10 हजार रुपए ब्याज पर लिया हैं, इन लोगों का ब्याज कभी 40 तो कभी 30 प्रतिशत का है। इसके अलावा वह चौबे स्कूल के वर्तमान प्राचार्य निशेष द्विवेदी से भी काफी परेशान हो गया है, जिसके कारण उसने नौकरी से रिजाईन कर दिया और इसी कारण उसने सलफास की गोलियां खाई हैं। एक सुसाईड नोट भी निशेष द्विवेदी के नाम का लिखा है जो उसके कमर बेल्ट के पॉकिट में रखा है। मरहूम दीपक के मरणासन्न कथन नायब तहसीलदार अरनियांं कलां द्वारा लिए गए, जिसमें भी उसने उक्त पांचों लोगों के नाम बताए व इनके अलावा एक अन्य नाम आरोपी विष्णु मीणा का भी बताया। दौराने ईलाज दीपक रायकवार की जस हॉस्पीटल शुजालपुर में मृत्यु होने से सूचना थाना शुजालपुर पर मर्ग क्र.36/17 धारा 174 दण्ड प्रक्रिया संहिता का कायम करके जांच में लिया गया। जांच के दौरान मृतक के शव का पोस्ट मार्टम कराया गया और अपराध क्र.328/17 अंतर्गत धारा 306/34 भादंवि का दर्ज करके उसे विवेचना में लिया गया। अनुसंधान उपरांत आरोगीगण के विरुद्ध चालान सक्षम न्यायालय में पेश किया गया।