जम्मू-कश्मीर की समस्या के निस्तारण के लिए पुरजोर आवाज उठाने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही थे : संध्या राय

भिण्ड, 24 जून। भारतीय जनता पार्टी गोहद नगर में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर पुष्पांजलि का कार्यक्रम प्रत्येक पोलिंग बूथ पर किया गया। वार्ड क्र.12 के पोलिंग बूथ क्र.147 पर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष व सांसद श्रीमती संध्या राय उपस्थित थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता मण्डल अध्यक्ष विवेक जैन व मंच संचालन महामंत्री आशीष शर्मा व आभार व्यक्त वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश कुशवाह ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत पं. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यर्पण कर हुई।
मुख्य अतिथि सांसद संध्या राय ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद के इतिहास में अगर किसी राजनेता का स्मरण आता है तो वह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं। देश की एकता और अखंडता के लिए मुखर्जी का बलिदान तब फलीभूत हुआ जब देश ने अनुच्छेद 370 को निर्मूल होते देखा। वह इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं। भारत माता के ऐसे महान सपूत के सर्वोच्च बलिदान को नमन करती हूं। राष्ट्रवाद की विचारधारा, देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्धता तथा राजनीतिक विकल्प के बीजारोपण के लिए आजादी के बाद के इतिहास में अगर किसी एक राजनेता का स्मरण आता है तो वह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं। बेशक आजादी के बाद डॉ. मुखर्जी बहुत अधिक समय तक जीवित नहीं रहे, लेकिन छोटे कालखण्ड में ही वैचारिक राजनीति के लिए उन्होंने बड़े अधिष्ठान चिन्ह प्रस्थापित किए। जम्मू-कश्मीर की समस्या को पहचानने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे।
जम्मू-कश्मीर की समस्या को पहचानने तथा इसके समूल निस्तारण के लिए पुरजोर आवाज उठाने वाले डॉ. मुखर्जी ही थे। बंगाल विभाजन की परिस्थिति के बीच भारत के हितों का पक्षधर बनकर अगर कोई खड़ा हुआ तो वह डॉ. मुखर्जी ही थे। आजादी के बाद सत्ता में आई कांग्रेस द्वारा देश पर थोपी जा रही अभारतीय तथा आयातित विचारधाराओं का तार्किक विरोध कर भारत, भारतीय तथा भारतीयता के विचारों के अनुरूप राजनीतिक विकल्प देश को देने वालों में अग्रणी डॉ. मुखर्जी ही थे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अर्चना शर्मा, महेश श्रीवास्तव, अविनाश भटेले, रामसिया जाटव, भीकम कौशल, मीडिया प्रभारी सौरभ पांडेय, विनोद माहोर, जुगल सोनी, विक्रम यादव, विकास श्रीवास, प्रमोद कामत, प्रदीप भरद्वाज, प्रताप कुशवाह, रामप्रसाद कुशवाह, संतोष राठौर, विद्यराम शेजवार, धर्मेन्द्र दुबे, रिंकू भटेले, दिनेश श्रीवास, भोलाराम बाथम, मुन्ना तोमर, संजय झा, राहुल खुरासिया, केपी राठौर, वीरेन्द्र यादव, मनोज थापक, राजेन्द्र गुप्ता उपस्थित रहे।

शोकाकुल परिवारों के बीच पहुंची सांसद

अपने गोहद प्रवास के दौरान संध्या राय भाजपा नेता राधेश्याम गौड़ की दादी, भगवान सिंह बघेल के यहां, अशोक बाथम की पत्नी, स्वदेशी जागरण मंच के विभाग सयोजक आचार्य बृजमोहन शर्मा के पिता, पूर्व नपा अध्यक्ष रामसनेही शर्मा (बुआ), गब्बर सिंह गुर्जर के भतीजे, पूर्व विधायक सुशीला भदौरिया के घर, रामप्रसाद कुशवाह की भाभी, विनोद यादव के शोक संवेदना व्यक्त की।