ग्वालियर, 14 अगस्त। 14 अगस्त 1947 को देश के बंटवारे के समय मां भारती के उन लाखों गुमनाम अमर शहीद जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी उनकी याद में विभाजन विभीषिका दिवस ग्वालियर के प्रख्यात कमला राजा कन्या महाविद्यालय के सभागार में अतिथियों एवं छात्रों की उपस्थिति में आयोजित हुआ।
सभी सदस्यों द्वारा युवा छात्रों को भारत के विभाजन एवं उससे पूर्व की स्थितियां तथा भविष्य में हमारे भारत को अखण्ड भारत बना रहे इस विषय पर विस्तार से संवाद के माध्यम से चर्चा कर युवाओं में जोश एवं उत्साह का वातावरण बना। भारतीय इतिहास में 15 अगस्त को स्वतंत्रता से पूर्व 14 अगस्त एक बहुत बडी मानवीय त्रासदी है। आज ही के दिन नफरत की नीतियों ने भारत माता को बांटने का षडयंत्र रचा, जिसकी परिणति दंगों, निर्दोषों की हत्याओं और तडपती मनुष्यता के रूप में सामने आई। भारत विभाजन की इस अमानवीय वेदना के अवसर पर हम उन सभी असंख्य विस्थापित भारत वासियों, बलिदानियों और अनाम पीडितों को हृदय की गहराइयों से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, और यह संकल्प करते हैं कि हमें राष्ट्र हित में एकजुट होकर रहना है। वह पीडा हमारी स्मृतियों में आज भी समाहित है, हमें भविष्य में इससे सीख लेना है।
मुख्य वक्ता डॉ. वीरेन्द्र वर्मा ने स्क्रीन पर चित्रों के माध्यम से हमारे भारतीय इतिहास एवं उससे जुडी घटनाओं के बारे में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी और हमें एक अखण्ड भारत की नींव रखनी है उसे पर किस तरह से हमें एकजुट होकर अपने भारत को मजबूत एवं विश्व समृद्धि बनाना है बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडवोकेट जगदीश शर्मा, अध्यक्षता भारत रक्षा मंच की कार्यकारी अध्यक्ष अंजू भदौरिया ने की। कार्यक्रम में अतिथि एडवोकेट सोमेश महंत, मीना सचान, कर्नल डीएस वर्मा ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सेना अधिकारी मनोज पाण्डे ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रता शर्मा के गीत एवं आभार डॉ. आभा मिश्रा ने व्यक्त किया। सभी अतिथियों को भारत रक्षा मंच के स्मृति चिन्ह के साथ सम्मानित कर सभी सदस्यों द्वारा महाविद्यालय के प्रांगण में पौधारोपण भी किया गया। इस अवसर पर भारत रक्षा मंच ग्वालियर संभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी मोनू किरार, मनीष यादव, पुष्पेन्द्र राजपूत, जीएस पाल, सौरव सिंघल, एकात्मता शर्मा, हैरी गुप्ता, आरती श्रीवास्तव, डॉ. अर्चना सेन, आभा अग्रवाल, डॉ. जयश्री चौहान एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।