– नजदीक स्थित सरकारी भवन में कक्षाएं लगाने के दिए निर्देश
– अंतरविभागीय समन्वय बैठक में हुई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की समीक्षा
ग्वालियर, 28 जुलाई। स्कूल भवन के असुरक्षित कमरों में कक्षाएं न लगाई जाएं। यदि स्कूल भवन असुरक्षित है तो नजदीकी सरकारी भवन में कक्षाएं लगाई जा सकती हैं। यदि नजदीक में कोई सरकारी भवन उपलब्ध न हो तो किराए के भवन में स्कूल लगाने का प्रस्ताव भेजें। इस काम को पूरी गंभीरता से लें। इस आशय के निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक को दिए।
कलेक्टर चौहान ने सुरक्षा के लिहाज से स्कूल भवनों का एक बार फिर से सर्वेक्षण कराने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा जिन स्कूल भवनों में पानी टपकने एवं परिसर में पानी भरने इत्यादि की छोटी-मोटी समस्या है, उस काम को स्कूल मद से जल्द से जल्द पूर्ण कराएं, जिससे बच्चों को पढाई करने में दिक्कत न हो। ज्ञात हो मौजूदा शिक्षण सत्र आरंभ होने से पहले भी जिला प्रशासन द्वारा जिले भर में स्कूलों का सर्वेक्षण कराकर स्कूल निधि से मरम्मत का कार्य कराया गया था।
सोमवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित अंतरविभागीय समन्वय बैठक में सरपंच-सचिव संवाद कार्यक्रम, कुपोषण निवारण, सीएम हैल्पलाइन, अनुकम्पा नियुक्ति, विभागीय पदोन्नति, राह-वीर योजना, स्कूली व यात्री वाहनों की जांच एवं शासकीय सेवकों की समग्र ई-केवाईसी सहित शासन के अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई। बैठक में अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टीएन सिंह सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं जिले के एसडीएम मौजूद थे।
अति कम वजन के शतप्रतिशत बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराएं
कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला-बाल विकास एवं सीएमएचओ को निर्देश दिए कि जिले में चिन्हित अति कम वजन के शत-प्रतिशत बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों (एनआरसी) में भर्ती कराएं, जिससे ये बच्चे सुपोषित हो सकें। उन्होंने जिले में चिन्हित कि गए अति कम वजन के बच्चों का महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों के माध्यम से सत्यापन कराने के लिए भी कहा। कलेक्टर ने डबरा एसडीएम को अस्पताल परिसर में एनआरसी के लिए कक्ष उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया। साथ ही घाटीगांव व भितरवार में नए एनआरसी खोलने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा।
सरपंचों ने भी गोद लिया है अति कम वजन के बच्चों को
कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा जिले में सरपंच संवाद कार्यक्रम आयोजित कर सरपंचों को सुपोषण अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस नवाचार के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। जिले के भितरवार व घाटीगांव विकास खण्ड में आयोजित हुए सरपंच संवाद कार्यक्रम के बाद यहां के सरपंचों ने चिन्हित अति कम वजन के क्रमश: 145 बच्चों व 151 बच्चों को सुपोषित बनाने का बीडा उठाया था। इनमें से अधिकांश बच्चे सुपोषित हो चुके हैं।
स्कूली वाहनों के साथ-साथ यात्री बसों की जांच भी की जाए
कलेक्टर रुचिका चौहान ने बैठक में मौजूद क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो, इसके लिए लगातार स्कूली वाहनों की जांच जारी रखें। इसी तरह जिले में चलने वाली यात्री बसों की जांच भी की जाए।
राह-वीर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने सरकार द्वारा सडक दुर्घटना में घायल लोगों को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई राह-वीर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि सडक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन अवर अर्थात एक घण्टे के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को इस योजना के तहत शासन द्वारा 25 हजार रुपए उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही 10 सर्वश्रेष्ठ राह-वीरों को राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। कलेक्टर चौहान ने आयुष्मान योजना में शामिल अस्पतालों की सूची एसडीएम को उपलब्ध कराने एवं अस्पतालों में राह-वीर योजना की जानकारी प्रदर्शित कराने को कहा। साथ ही निर्देश दिए कि सडकों के ऐसे स्पॉट जहां पर अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, उन स्थलों को चिन्हित कर सुधार कार्य कराएं।